पुलिस भर्ती बोर्ड के सीसीटीवी फुटेज की जांच का आदेश

सिपाही भर्ती के अभ्यर्थी की लम्बाई कम दर्ज करने का मामला

पुलिस भर्ती बोर्ड के सीसीटीवी फुटेज की जांच का आदेश

प्रयागराज, 13 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिपाही भर्ती 2015 के एक अभ्यर्थी की अपील पर पुलिस भर्ती बोर्ड के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने का आदेश दिया है। जांच करने का निर्देश लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को दिया गया है।

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलिस कमिश्नर लखनऊ जांच की रिपोर्ट हलफनामे के साथ कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। यही नहीं कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह इसके लिए पैसा जमा करे। याची अपीलार्थी का कहना था की उसे बार-बार कम लम्बाई बताकर फेल घोषित किया गया। जबकि उसने सरकारी नाप कराई है और उसकी लम्बाई 168 सेंटीमीटर है।

मानक से कम लम्बाई के आधार पर भर्ती अभ्यर्थी को बार-बार अचयनित घोषित करने की सच्चाई जानने के लिए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हाइकोर्ट की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी में कैद फुटेज की जांच के निर्देश दिए है। अभ्यर्थी रवि प्रताप भारद्वाज द्वारा दाखिल स्पेशल अपील की सुनवाई चीफ जस्टिस और जस्टिस जे.जे. मुनीर की खंडपीठ कर रही है।

अपीलार्थी का कहना था कि उसकी लम्बाई सरकारी अस्पताल में कराई गई नाप मानक के अनुरूप 168 सेंटीमीटर है। जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर लम्बाई की पुनः नाप के लिए भर्ती बोर्ड द्वारा गठित परीक्षण दल द्वारा अपीलार्थी की लम्बाई बार-बार अनुचित ढंग से 167.5 सेंटीमीटर दर्ज की गई। जिसके विरुद्ध अपीलार्थी द्वारा परीक्षण दल की रिपोर्ट पर परीक्षा के दिन ही लिखित आपत्ति दर्ज की गई थी। नियमानुसार परीक्षण दल को अपीलार्थी की आपत्ति पर विचार करते हुए लम्बाई की नाप अपीलीय बोर्ड द्वारा करना चाहिए था। लेकिन बोर्ड द्वारा सेवा नियमावली में दी गई भर्ती प्रक्रिया के विपरीत अपीलीय बोर्ड से जांच नहीं करवाई गई और अवैधानिक तथा मनमाने तरीके से दुबारा अचयनित घोषित कर दिया गया।

अदालत ने शारीरिक मानक परीक्षा स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच का आदेश देते हुए लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को 30 अगस्त तक जांच रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। याची को इस जांच कराने के एवज में बीस हजार रू. जमा करना होगा।