मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना : धनाभाव से अक्षम अभ्यर्थियों के लिए हो रही सार्थक

पीसीएस प्री परीक्षा में छह, साक्षात्कार के लिए दो अभ्यर्थी सफल

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना : धनाभाव से अक्षम अभ्यर्थियों के लिए हो रही सार्थक

प्रयागराज, 13 जुलाई । धनाभाव के कारण बड़ी-बड़ी कोचिंग संस्थाओं में प्रवेश लेने में अक्षम बच्चों के कम्पटीशन की तैयारी में मदद करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी के निर्देशन में शुरू की गई अभ्युदय योजना अपने नाम के अनुरूप प्रतियोगियों के “अभ्युदय“ में सार्थक हो रही है।

फरवरी 21 में प्रयागराज मंडल में शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत पहले सेशन में लगभग 700 अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए थे। जिनमें से उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा में 6 अभ्यर्थियों ने प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसमें 12 जुलाई को घोषित मुख्य परीक्षा परिणाम में दो अभ्यर्थियों राज सोनकर एवं अभिषेक भारती ने सफलता प्राप्त करते हुए साक्षात्कार के लिए चयनित हुए।

मंडलायुक्त प्रयागराज संजय गोयल जो योजना के प्रारंभ से ही अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन एवं मोटिवेशन करते रहें हैं, उन्होंने हर्ष के साथ बताया कि यह मंडल के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है। इन अभ्यर्थियों ने अभ्युदय योजना के मार्गदर्शन और स्वयं की मेहनत से सफलता की सीढ़ियां तय की हैं। कहा कि इस योजना के तहत योग्य प्राध्यापकों द्वारा अभ्यर्थियों को निःशुल्क मार्गदर्शन प्रारम्भिक परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक प्रदान किया जा रहा है तथा शासन एवं प्रशासन सभी योग्य बच्चों को सफलता दिलाने के अपने संकल्प में कटिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि मंडल में अध्यापन हेतु सिविल सेवा की तैयारी के लिए समर्पित शिक्षकों का मंडल है। जिसमें पॉलिटी एवं सीसैट तथा पर्यावरण डॉक्टर सी एल त्रिपाठी, इतिहास मनोज तिवारी, इकोनॉमिक्स विवेक मिश्रा, भूगोल विभोर, विज्ञान डॉक्टर ए पी सिंह इत्यादि द्वारा अध्यापन कार्य किया जा रहा है। मुख्य परीक्षा हेतु छात्रों के लिए अभ्युदय योजना के क्लास कोऑर्डिनेटर डॉ सी एल त्रिपाठी द्वारा मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु छात्रों का आंसर राइटिंग ग्रुप बनाया गया। जिसमें सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्न पत्र, सामान्य हिंदी एवं निबंध व मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों के सम्भावित प्रश्नों का सघन अभ्यास कराया गया जिसमें प्रतिदिन प्रश्न दिए जाते थे।





उत्तर पुस्तिकाओं का लोक सेवा आयोग मानक के अनुरूप परीक्षण किया जाता था। सुधार हेतु आवश्यक निर्देश एवं परामर्श दिया जाता था। मुख्य बल उत्तरों के प्रस्तुतीकरण पर रहता था, जिसमें प्रश्न के अनुसार उत्तरों को समसामयिक बिंदुओं से जोड़ते हुए सटीक लेखन का अभ्यास सम्मिलित था। उनके द्वारा प्रज्ञा प्रवाह यूट्यूब चैनल के माध्यम से, हिंदी, निबंध एवं सामान्य अध्ययन से सम्बंधित महत्वपूर्ण वीडियोज भी उपलब्ध कराए गए। रणनीतिक मार्गदर्शन एवं अध्यापन का तथा छात्रों की मेहनत का परिणाम परीक्षा में सफलता के रूप में सामने है।