होली पर रासानिक रंग चेहरे को पहुंचा सकते हैं नुकसान, हर्बल कलर का करें इस्तेमाल

होली पर रासानिक रंग चेहरे को पहुंचा सकते हैं नुकसान, हर्बल कलर का करें इस्तेमाल

होली पर रासानिक रंग चेहरे को पहुंचा सकते हैं नुकसान, हर्बल कलर का करें इस्तेमाल

होली के पर्व में रंगों की महत्व है और जब यह चेहरे पर लगाया जाता है तो लगाने वाले तो खुश होता ही लगवाने वाले के चेहरे भी खुशी को दोगुना करते हैं। चेहरे पर लगने वाला रंग कई बार होली खेलने के बाद इस खुशी का जब चेहरे पर नुकसान दिखता है तो वह परेशान करने वाला होता है। ऐसे में हमें चेहरे को बेहतरी के लिए हर्बल रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए।

होली की मस्ती में सराबोर होने से पहले कुछ काम की बातें जरूर जान लेनी चाहिए। इसके सबसे अहम है कि आमतौर पर खतरनाक रासायनिक रंगों से बचना चाहिए और प्राकृतिक कलर का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि लगाने वाले के साथ साथ लगवाने वाले के चेहरे को स्किन की समस्या से बचाया जा सके। हालांकि यह जेब हल्की करने वाला है लेकिन खुद के साथ दूसरों को सुरक्षित रखना ही होली के सौहार्द व भाईचारे को दोगुना बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

इस होली में हम रासायनिक रंगों को कैसे पहचाने और कैसे उनसे बचें। इसके लिए हमने बात की शहर के युवा एवं प्रसिद्ध त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ0 सुधीर शर्मा से उन्होंने बताया कि एक बड़ी सामान्य सी पहचान है। खतरनाक रासायनिक रंगों की, और सामान्य रंगों की। हरा एवं बैंगनी रंगों में सर्वाधिक रसायन का प्रयोग किया जाता है। प्राकृतिक हरा कलर मोटा बिल्कुल नहीं होता। बल्कि वह एकदम महीन होता है जैसे की आरारोट। क्योंकि प्राकृतिक रंगों के बेस में आरारोट ही डाला जाता है ।जो कि गेहूं से बनता है, जबकि अन्य कलर चाक मिट्टी य खड़िया को पीसकर बनाए जाते हैं। आजकल कुछ बड़ी ब्रांडेड कंपनियां भी रंगों के पैकेट बनाने लगी है यह कलर भी आमतौर पर ठीक होते हैं। खुले हुए कलर जो ठेले इत्यादि में मिलते हैं उनसे बचना चाहिए।

आजकल अबीर गुलाल या अन्य मोटे रंगों में एक सफेद सा चमकने वाला पदार्थ जो स्पार्कर या सिलिका मिलाया जाता है वह चमकीला पदार्थ जो बालू जैसा दिखाई पड़ता है। जिसे चेहरे में लगाने से त्वचा फट जाती है। यह सबसे खतरनाक होता है इसके अलावा कुछ रंग डाई इत्यादि घोलकर बनाए जाते हैं जो लगने पर जलन और स्किन में रिएक्शन पैदा करते हैं जिससे बहुत तेज जलन होती है और हाथ पैरों में चकत्ते पड़ जाते हैं यदि उनको शीघ्र ठंडे पानी से ना धोया गया तो समस्याएं बढ़ जाती हैं ऐसे में चेहरे को या हाथ पैरों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए और त्वचा में कोई एंटीसेप्टिक क्रीम या गरी का तेल अथवा सरसों का तेल भी लगाया जा सकता है इसके अलावा कुछ और लगाने की जरूरत नहीं है चेहरे या शरीर में किसी भी तरह का रिएक्शन होने के पहले ही किसी भी ग्लिसरीन वाले साबुन से चेहरे अथवा हाथ पैरों को धो लेना चाहिए इसके बाद आप समस्या अधिक होने पर किसी भी त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिल सकते हैं।