रंगभरी एकादशी पर काशी में मुस्लिम महिलाओं ने खेली गुलाल और फूलों की होली
ग्रामीण अंचल में भी भक्तों ने शिव परिवार के साथ खेली अबीर गुलाल की होली
वाराणसी, 04 मार्च । रंगभरी एकादशी पर शुक्रवार को काशी में मुस्लिम महिलाओं ने भी सनातनी महिलाओं के साथ पूरे उत्साह के साथ गुलाल और फूलों की पंखुड़ियों से होली खेली। सिगरा सिद्धगिरी बाग कालोनी में यह नजारा देखने को मिला। इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने होली के परम्परागत गीतों पर ठुमके लगाने के साथ एक दूसरे को पर्व की बधाई भी दी।
महिला व्यापार मंडल द्वारा आयोजित होली उत्सव में शामिल महिलाओं ने कहा कि हमें एकसाथ सभी त्यौहार मनाना चाहिए । इसलिए आज हम सभी हिन्दू-मुस्लिम महिलाओं ने होली खेली । इस दौरान जरीन खान नाम की महिला ने कहा कि हम सभी ने होली खेलकर यह सन्देश दिया है कि काशी में गंगा-जमुनी तहजीब हमेशा रहेगी। होली पर्व धार्मिक एकता का प्रतीक है। उधर,जिले के ग्रामीण अंचल रोहनिया शहाबाबाद में भी लोगों ने शिव परिवार के साथ अबीर गुलाल की होली खेली।
ग्राम प्रधान मनीष जायसवाल की देखरेख में उनके आवास से बाबा भोलेनाथ तथा माता गोैरा के गौना उत्सव में डमरु दल, शंखनाद दल, त्रिशूल दल एवं गाजे-बाजे के साथ पुष्प वर्षा के बीच पालकी शोभायात्रा निकाली गयी। यह पालकी यात्रा शहाबाबाद से प्रारंभ होकर दरेखू, नाटापुर, सागरपुर, नेरापुर ,बीकापुर होते हुए दरेखू स्थित प्राचीन शिवधाम मंदिर पर पहुंची। जहां पर वैदिक ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा भोले एवं माता गौरा का गौना संपन्न कराया । इस दौरान मंदिर परिसर में क्षेत्रीय लोगों की भीड़ जुटी रही। लोग बाबा के विग्रह पर अबीर गुलाल उड़ाते रहे।