मेरठ मदरसा छात्रवृत्ति : गबन की आरोपी प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी पर रोक
मेरठ मदरसा छात्रवृत्ति : गबन की आरोपी प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी पर रोक
-राज्य सरकार व विपक्षी से जवाब तलब
प्रयागराज, 23 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के मदरसों में छात्रवृत्ति वितरण में 56,600 रुपये गबन की आरोपी अल्फला पब्लिक स्कूल रशीद नगर मेरठ की प्रधानाचार्या राबिया बेगम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व विपक्षी से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने राबिया बेगम की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा 3 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मेरठ के 98 मदरसा-स्कूलों में वितरण करने के लिए दिया गया। अल्फला पब्लिक स्कूल रशीद नगर के खाते में भेजी गई छात्रवृत्ति 56,300 रुपये 56 बच्चों को नकद वितरण कराया गया था। लेकिन कुछ मदरसा-स्कूल में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम व उनके क्लर्क संजय त्यागी सहित अन्य मदरसा के कर्मचारियों सहित 98 एफआईआर दर्ज कराया गया।
याची के विरुद्ध नीतू राणा, इंस्पेक्टर आर्थिक अपराध शाखा थाना ने मुकदमा दर्ज कराया कि याची व मैनेजर ने मिलकर छात्रवृत्ति की धनराशि का नकद वितरण बता कर अधिकारी व क्लर्क के साथ मिलकर छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन कर लिया है। जबकि बच्चों के खातों में पैसा जाना चाहिए था।
कहा गया कि याची ने नकद वितरण किया है और ई.ओ.डब्लू. की जांच में तथा सह अभियुक्त संजय त्यागी की जांच में पाया गया है कि गबन का कोई आरोप नहीं मिला। केवल भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन किया गया है।
याची अधिवक्ता ने बताया कि आर्थिक अपराध संगठन ने 13 साल बाद याची को नोटिस दिया है और 2019 में 8 साल के बाद एफआईआर दर्ज हुई, जिसकी जानकारी याची को नहीं है। अब जांच शुरू कर याची को गिरफ्तार करना चाहती है।
बताया गया कि 3 करोड़ के गबन का आरोप सुमन गौतम, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मेरठ के ऊपर है जिनके विरुद्ध 98 मुकदमे दर्ज हैं। उनकी गिरफ्तारी पर भी न्यायालय ने रोक लगा रखी है। वह वर्तमान समय मे जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर के पद पर तैनात है। पिछले 13 साल से आज तक कोई भी गबन की धनराशि की वसूली नहीं हुई।