माले ने बुलडोजर चलाने की कड़ी निंदा किया
माले ने बुलडोजर चलाने की कड़ी निंदा किया

लखनऊ, 08 अप्रैल (हि.स.)। भाकपा (माले) ने मीरजापुर जिले में राजगढ़ थाना क्षेत्र के तालर गांव में चार दशकों से बसे आदिवासी, दलित व गरीबों के घरों पर बिना पूर्व सूचना के सोमवार को बुल्डोजर चलाकर जमींदोज कर देने की कड़ी निंदा की है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा कि संवेदनहीन प्रशासन के अधिकारियों ने बुल्डोजर कार्रवाई से पहले गरीब परिवारों को खाने का सामान भी घरों से निकालने का मौका नहीं दिया। दलितों, आदिवासियों के 30 घर गिरा दिए गए। आश्रयविहीन होकर ये परिवार बाल बच्चों सहित गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। दूसरी तरफ, ढहा दिए गए घरों के बगल में रह रहे समाज के सम्पन्न लोग बड़े भूखंडों पर काबिज हैं। इन्हें प्रशासन ने छुआ तक नहीं।
माले नेता ने कहा कि बिना सूचना व समय दिए की गई बुल्डोजर कार्रवाइयों को सुप्रीम कोर्ट कई बार अवैध करार दे चुका है। यही नहीं, बुल्डोजर न्याय के कई मामलों में वह उत्तर प्रदेश सरकार को न सिर्फ कड़ी फटकार लगा चुका है, बल्कि अर्थदंड भी लगा चुका है। प्रयागराज का प्रकरण ताजा है, जिसमें वकील, अध्यापक व अन्य लोगों के घरों का अवैध रुप से ध्वस्तीकरण करने वाले विकास प्राधिकरण पर 10-10 लाख रु का जुर्माना लगाया। इसके पहले महाराजगंज जिले में एक पत्रकार के घर पर अवैध रूप से बुल्डोजर चलाने पर 25 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया था। इन सबके बावजूद प्रदेश सरकार और न ही प्रशासन के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया।
राज्य सचिव ने कहा कि मिर्जापुर में बुल्डोजर कार्रवाई की उक्त घटना में भाकपा (माले) नेताओं की एक टीम ने मंगलवार को मौके पर जाकर बेघर हुए परिवारों से भेंट की। टीम में पार्टी की राज्य स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की सदस्य कामरेड जीरा भारती, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के जिला सचिव रामकेश भारती, रवि शंकर, चिंता, सुरेश बियार, मंजू कोल, राजेश व दिनेश बिंद शामिल थे। टीम के सदस्यों ने मौके पर ग्रामीणों को संबोधित किया और प्रशासन की बुल्डोजर कार्रवाई का विरोध किया।
राज्य सचिव ने उजड़े परिवारों के पुनर्वास, क्षतिपूर्ति, उन्हें पक्का घर देने व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ गरीबों के घरों पर बुल्डोजर कार्रवाई पर रोक की मांग की।