लॉबी प्रयागराज के लोको पायलटों ने किया स्वैच्छिक रक्तदान
लॉबी प्रयागराज के लोको पायलटों ने किया स्वैच्छिक रक्तदान
प्रयागराज, 08 सितम्बर। संयुक्त लोको पायलट एवं गार्ड लॉबी प्रयागराज के रेल परिचालन में अग्रणी लोको पायलटों ने विगत दो वर्षों से चल रहे रक्तदान की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस माह भी राहुल त्रिपाठी वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियार परिचालन के अगुवाई में इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन जाकर सामूहिक रूप से स्वैच्छिक रक्तदान किया। जिसमें 18 लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलटों के साथ 04 महिला लोको पायलट भी रही।
उल्लेखनीय है कि, विगत दो वर्षों से प्रतिमाह औसतन 10 रनिंग कर्मी स्वेच्छिक रूप से रक्तदान करते रहे हैं जो कोरोना काल के कठिन समय में लोगों के लिये जीवनदायनी सिद्ध हुआ। वर्तमान समय में डेंगू ज्वर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुये रेल परिवार के हित के लिए रनिंग कर्मियों में ऊर्जा भरते हुये मुख्य क्रू नियंत्रक वासुदेव पाण्डेय ने तीसरी बार स्वयं रक्तदान का फैसला लिया। जिनके साथ 22 रनिंग कर्मियों ने भी अपनी ड्यूटी करते हुये स्वैच्छिक रक्तदान किया।
ब्लड बैंक में जमा यह खून न सिर्फ रनिंग कर्मियों को डेंगू या किसी आकस्मिक दुर्घटना आदि के समय अथवा रनिंग परिवार और उनके परिवारजनों को चिकित्सीय परामर्श के तहत खून की आवश्यकता होती है तो इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से उपलब्ध कराया जाता रहा है। एएमए के अध्यक्ष डॉ अशोक अग्रवाल व ज्ञानेन्द्र प्रधान ने कहा कि जब कभी भी प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि की जरूरत होगी तो रनिंग कर्मियों को सहज रूप से उपलब्ध कराया जायेगा। इस क्रम में वासुदेव पाण्डेय, अवधेश कुमार, राजीव गुप्ता, आशीष मुखर्जी, विजय कुमार गर्ग, अमिताभ बच्चन, सन्नी कुमार, चन्दन कुमार, समीर श्रीवास्तव, एस.पी तिवारी, एम.एन रजा, वरूण कुमार, जे.पी पाण्डेय, राकेश कुमार, अचिन पटेल, सुनील पटेल, रोहित शर्मा, आयुष्मान रिषी, एस.टी परवेज, रेणु सिंह, प्रिया सिंह, प्रियंका कुमारी, अनिता सिंह ने रक्तदान किया।
बीते दो वर्षों से चल रहा है रक्तदान मुहीम
रनिंग रेलवे कर्मचारियों ने इस नेक काम के लिए एक दर्दनाक घटना ने जगाया, 02 वर्ष पूर्व एमएस निगम लोको पायलट की पत्नी की मौत डेंगू से हो गई थी। वक्त पर खून न मिलने से उनकी जिन्दगी नहीं बचायी जा सकी। इस घटना के बाद लॉबी इंचार्ज वासुदेव पाण्डेय ने रनिंग कर्मियों को जागरूक कर रक्तदान की मुहीम चलायी थी। अभी तक 200 यूनिट से अधिक रक्तदान कराया जा चुका है।
प्रयागराज की तर्ज पर अन्य मुख्यालयों पर भी रक्तदान
प्रयागराज की रनिंग कर्मियों की सफलता को देखते हुये न केवल कानपुर, टूण्डला ही नहीं वरन झांसी, आगरा में भी यह मुहिम चालू की गयी। जिससे कई लोगों की जान बचायी जा सकी है।