कौशांबी में सड़क हादसे में दिल्ली के कंझावाला जैसी वारदात, एएसपी बोले- साधारण सड़क हादसा, घसीटे जाने की बात गलत
पीड़ित की मां ने तहरीर में कार से घसीटने का किया जिक्र
कौशांबी, 04 जनवरी । कंप्यूटर की क्लास करके घर वापस आ रही छात्रा को 200 मीटर तक कार ने टक्कर मार घसीटा है। छात्रा का हाथ और कूल्हा टूट गया है, जबकि पैर तीन जगह से फ्रैक्चर हुआ है। पीठ और कमर पर चोट लगी है। साथ ही चेहरा भी बुरी तरह छिल गया है। सीने पर भी गहरे घाव हैं। कार से छात्रा को घसीटता देख आस पास के लोगों ने शोर मचाया। इसके बाद कार एक गड्ढे में जाकर गिर गई। घटना 01 जनवरी की बताई जा रही है, जिसमें रिपोर्ट पुलिस ने 2 दिन बाद दर्ज की है।
स्थानीय लोगों ने किसी तरह छात्रा को कार के नीचे से निकाला, फिर अस्पताल में भर्ती करवाया। इस मामले को पुलिस सड़क हादसा बता रही है। केस भी सड़क दुर्घटना और लापरवाही से गाड़ी चलाने में दर्ज किया गया है। घटना के समय कार में 4 लोग सवार थे। कार मालिक राम नरेश को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उसको भी हल्की चोटें आई थीं, जिसको इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। कार में सवार बाकी तीन लोग मौके से फरार हो गए थे।
उधर, इस मामले में पीड़िता के परिवार वालों का कहना है, ''वे लोग मेरी बेटी को मारना चाहते थे। पुलिस हमारी बात नहीं सुन रही है।'' यह हादसा मंझनपुर थाना क्षेत्र के देवखरपुर गांव में हुआ है। एक जनवरी को छात्रा के साथ ये घटना हुई थी।
अस्पताल में भर्ती पीड़िता कौशल्या ने बताया, मैं उस दिन क्लास करके घर लौट रही थी। मेरे साथ और कोई नहीं था। साइकिल भी आराम से चला रही थी। तभी एक कार तेज रफ्तार में आई। उसने मुझे पीछे से टक्कर मारी। इससे मैं लड़खड़ाकर नीचे गिरी और पता नहीं कैसे कार में फंस गई। मैं 2-3 बार कार रोकने के लिए चिल्लाई, लेकिन कार नहीं रुकी। कुछ ही देर में मुझे कई जगह चोट लग चुकी थी। चेहरा बचाने के लिए मैंने मुंह पर हाथ लगा लिया था। मैं कब बेहोश हो गई, पता ही नहीं चला। आंख खुली, तो मैं अस्पताल में थी। मैं चाहती हूं कि मेरे साथ ऐसा करने वालों को सख्त सजा मिले। पूरे शरीर पर मुझे चोट आई है। कोई जगह ऐसी नहीं है, जहां दर्द न हो रहा हो.
पीड़िता की मां रन्नू ने बताया, मेरी बेटी रोज कोचिंग पढ़ने जाती थी। उस दिन भी वह कोचिंग करके घर वापस आ रही थी। तभी उसके साथ ये घटना की गई है। वे लोग मेरी बेटी को मारना चाहते थे। 1 जनवरी को मेरी बेटी के साथ यह हादसा हुआ था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि कोई मौके पर भी नहीं आया। मंगलवार को मैंने पुलिस से शिकायत की, तो सड़क हादसा बता दिया गया। पुलिस का कहना है कि मेरी बेटी कार से घसीटी नहीं गई है। जबकि मौके पर मौजूद लोगों ने खुद यह बात बताई है। मैं जब मौके पर गई, तो उसकी साइकिल कार में फंसी हुई थी। खून भी लगा हुआ था।
पीड़ित माँ ने कहा, उन लोगों ने मेरी बेटी की बहुत बुरी हालत की है। वह उठ तक नहीं पा रही है। रात भर दर्द के कारण चिल्लाती रहती है। हम गरीब लोग हैं। इतना पैसा भी नहीं है, जो अच्छा इलाज करा पाएं। ऊपर से पुलिस आरोपियों को पकड़ भी नहीं रही है। घटना के समय मौके पर खड़े लोगों ने बताया कि कार में बैठे लोग बोल रहे थे, अगर इस लड़की को मार देते तो कोई केस नहीं करता। इस तरह की चीजों के बाद भी पुलिस हमारे साथ नहीं है।
पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि छात्रा की हालत गंभीर है। मेजर केस है। उसका ऑपरेशन करना पड़ सकता है। कूल्हा बुरी तरह से टूटा हुआ है। शरीर में कई सारे घाव भी हैं। रगड़ के कारण उसका पूरा शरीर छिला हुआ है।
पुलिस के एएसपी समर बहादुर ने बताया, लड़की को कार से घसीटने वाली बात गलत है। वह टक्कर लगने के बाद वहीं पर गिर गई थी। हादसे में दोनों पक्ष के लोगों को चोटें आई हैं। एक आरोपी हिरासत में है। बाकी की तलाश की जा रही है। पीड़िता के बयान भी ले लिए गए हैं। जो भी साक्ष्य सामने आएंगे उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। कार को कब्जे में ले लिया गया है।