महिला की मौत पर डाॅक्टर व कंपाउंडर पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज
निजी अस्पताल मे बुखार पीड़ित महिला के गलत इलाज का माम
कौशांबी, 19 जून । मंझनपुर के निजी अस्पताल के संचालक, डॉक्टर सहित कंपाउंडर के खिलाफ पुलिस ने सोमवार को गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित अस्पताल में गलत इलाज से मृत पत्नी के लिए इंसाफ की मांग पिछले आठ महीने से कर रहा था। पुलिस महकमे से सुनवाई न होने पर पीड़ित ने अदालत में शरण लेकर केस दर्ज किए जाने की गुहार लगाई थी। मुक़दमा दर्ज होने के बाद पीड़ित ने इंसाफ मिलने की उम्मीद जताई है।
यह पूरी घटना 23 सितम्बर 2022 की है। मंझनपुर के उनौ गांव निवासी राजन कुमार मिश्रा ने बुखार से पीड़ित पत्नी श्वेता मिश्रा (30) को इलाज के लिए मंझनपुर स्थित जेके हास्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने मरीज श्वेता का शारीरिक परीक्षण करने के बाद उसे तीन दिन के लिए भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया था। इलाज के लिए 40 हज़ार रुपये जमा करा लिए गए।
पीड़ित राजन मौर्य ने बताया, 26 सितंबर 2022 को पत्नी श्वेता की तबीयत अचानक बिगड़ी और डॉक्टरों ने इलाज करने के बजाए पत्नी को बाहर निकाल दिया। इसके बाद उसे लेकर प्रयागराज के नाजरेथ अस्पताल पहुंचा,लेकिन तब तक महिला ने अस्पताल के गेट पर ही दम तोड़ दिया।
पत्नी के शव का अंतिम संस्कार कर जब वह वापस अस्पताल में इलाज का कागजात लेने पहुंचा तो उसके साथ अस्पताल कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार कर मारपीट की। अस्पताल के संचालक डॉ. तौसीफ अहमद, प्रबंधक डॉ. एकलाख अहमद, चिकित्सक फैज, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. एके चौहान, डॉ. अलंकार जायसवाल, डॉ. एसके यादव एवं कंपाउंडर रवि ने उनकी बीमार पत्नी का इलाज तीन दिन तक इलाज किया। गलत दवा-इलाज के चलते ही उनकी पत्नी की असमय मौत हुई है।
पीड़ित ने पत्नी की मौत के बाद पुलिस थाना से लेकर जिला स्तरीय अफसरों को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की, लेकिन किसी भी अफसर व थाना पुलिस ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। मजबूरन उन्हें अदालत में गुहार लगा कर इंसाफ की मांग करनी पड़ी। अदालत के आदेश पर मंझनपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उन्हें इंसाफ मिलने की एक आस लगी है।
इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर वादी राजन मिश्रा की तहरीर पर जेके हास्पिटल संचालक डायरेक्टर, डाॅक्टर एवं कंपाउंडर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है। विवेचनात्मक कार्यवाही शुरू कराई गई है, निर्धारित समय में आरोप पत्र न्यायालय भेजा जाएगा।