कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बेटे राजवीर ने दी मुखाग्नि

कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

लखनऊ/अलीगढ़, 23 अगस्त। श्रीराम मंदिर आंदोलन के नायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। वैदिक मंत्रोचारण और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार उनके गृह जनपद अलीगढ़ के पास नरौरा में गंगा तट पर किया गया। सांसद बेटे राजवीर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी।



इस मौके पर मौजूद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्गज नेताओं ने कल्याण सिंह को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार से पहले पूर्व मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान नरौरा क्षेत्र का गंगा तट राम भक्त कल्याण सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा।



इसके पहले राष्ट्रीय ध्वज के साथ भाजपा के झंडे में भी लिपटा हुआ कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अतरौली स्थित उनके गांव मंढौली से एक विशेष वाहन से अपराह्न करीब सवा दो बजे नरौरा पहुंचा। वहां बुलंदशहर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उसे संभाला। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अजय भट्ट के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा कई वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अंतिम दर्शन करने अतरौली ही पहुंच गये थे। सभी ने स्वर्गीय कल्याण सिंह को वहां पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

करीब पौने चार बजे सशस्त्र पुलिस की टुकड़ी ने राजकीय सम्मान के साथ कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को सलामी दी । इसके बाद कल्याण सिंह के पुत्र और एटा से सांसद राजवीर सिंह ने उन्हें मुखाग्रि दी। इस दौरान वहां शांति पाठ और वैदिक मंत्रों का उच्चारण लगातार जारी रहा।



अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब



कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार को ही राजधानी लखनऊ से उनकी कर्मभूमि अलीगढ़ लाया गया था, जिसे आज उनकी जन्मभूमि व पैतृक गांव अतरौली लाया गया। दोनों जगहों पर अपने नेता का अंतिम दर्शन करने के लिए स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए अलीगढ़ से नरौरा घाट तक लोगों की भारी भीड़ रही। स्थानीय लोग अपने नेता का अंतिम दर्शन करने के लिए टूट पड़े थे। पूरे रास्ते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शव वाहन के पीछे कार से चलते रहे। मुख्यमंत्री योगी तो कल्याण सिंह के निधन के बाद से ही परिवार के सदस्य की तरह लगातार उनके अंतिम यात्रा की निगरानी में लगे रहे। अंतिम यात्रा और अंत्येष्टि तक के लिए कई वरिष्ठ मंत्रियों को उन्होंने जिम्मेदारी के साथ लगा दिया था।

कल्याण सिंह का शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया था। वह वहां चार जुलाई से भर्ती थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने रविवार सुबह ही उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बसपा सुप्रीमो मायावती समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम दिग्गज नेताओं ने रविवार को ही कल्याण सिंह के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी।



पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर विधान भवन भी ले जाया गया था, जहां सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद सहित लगभग सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। विधान भवन में तो पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के समय दलगत राजनीति की दीवारें टूटती नजर आयीं थी। इसके बाद उनका उनका पार्थिव शरीर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में रखा गया था, जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपने नेता को अंतिम विदाई दी थी। फिर भाजपा प्रदेश मुख्यालय से रविवार को अपराह्न करीब तीन बजे तिरंगे के साथ भाजपा के ध्वज में लिपटा हुआ कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अलीगढ़ के लिए रवाना किया गया था।