हाईकोर्ट का निर्देश-चीफ सेक्रेटरी सरफेसी कानून का प्रदेश में कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करें
हाईकोर्ट का निर्देश-चीफ सेक्रेटरी सरफेसी कानून का प्रदेश में कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करें
प्रयागराज, 27 मई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बैंक व वित्तीय संस्थानों को जमीन पर भौतिक कब्जा देने के सरफेसी कानून की धारा 14 का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा है कि सम्बंधित सभी प्राधिकारियों को दो हफ्ते में इस आशय का सर्कुलर जारी करें कि यदि वैधानिक अड़चन न हो तो बैंक या वित्तीय संस्थानों को जमीन का कब्जा सौंप दिया जाय।
कोर्ट ने जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर व अन्य अधिकारियों को एक माह में बैंक को जमीन का कब्जा सौंपने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस एस पी केसरवानी तथा जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने असेट रिकंस्ट्रक्शन कम्पनी की याचिका पर दिया है।
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 14 फरवरी 22 को शासनादेश जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की यह विफलता है कि वे धारा 14 सरफेसी कानून के दायित्व को पूरा नहीं कर रहे हैं।
सरफेसी कानून की धारा 14 के अनुसार बैंक, वित्तीय संस्थानों एवं रिकंस्ट्रक्शन कम्पनियों को जमीन पर कब्जा लेने का अधिकार देती है और जिलाधिकारी का दायित्व है कि पुलिस सहायता से कब्जा सौंपे। कोर्ट ने कहा कानून का उद्देश्य लोन की त्वरित वसूली करना है। बैंक को सम्पत्ति बेचने या बंधक रखने का अधिकार है। कानून अर्जी से तीस दिन में कब्जा दिलाने का आदेश देता है। यह अधिकतम साठ दिन में कब्जा सौंपने का जवाबदेही तय है।
कोर्ट ने कहा जिलाधिकारी या मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शक्तिहीन नहीं है। कब्जा दिलाने की हर कार्रवाई कर सकते हैं। याची सेक्योर्ड क्रेडिटर है। जमीन पर कब्जा न मिल पाने के कारण वह कार्य नहीं कर पा रहा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सभी अधिकारियों को सरफेसी एक्ट का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।