मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है गोरखपुर सैनिक स्कूल

प्रवेश परीक्षा के बाद कक्षा 6 और 9 में 75-75 सीटों पर हो चुका है दाखिला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है गोरखपुर सैनिक स्कूल

गोरखपुर, 8 जून । पहली जुलाई को गोरखपुर की उपलब्धियों के किताब में एक सुनहरा पन्ना जुड़ जाएगा। इस तारीख से गोरखपुर में बने सैनिक स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। प्रवेश परीक्षा के जरिये कक्षा 6 और 9 में 75-75 सीटों पर दाखिला हो चुका है। गोरखपुर में सैनिक स्कूल योगी सरकार का खास उपहार है।



गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर बना है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है। सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं।



गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है। इसके शिलान्यास के बाद भी वह कई बार इसके निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण करने आते रहे हैं। फरवरी माह में जब वह सैनिक स्कूल का निरीक्षण करने आए थे, तभी उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि जुलाई सत्र से यहां पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए। यही नहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में इस सैनिक स्कूल के लिए सरकार ने चार करोड़ रुपये का प्रावधान भी इसीलिए किया था कि सत्र संचालन में किसी प्रकार की बाधा न आए। निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ अब यहां दाखिले की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक अमरकांत सिंह ने बताया कि गोरखपुर सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कक्षा 6 में 75 और कक्षा 9 में भी 75 विद्यार्थियों का प्रवेश लिया जा चुका है। एक जुलाई से यहां नियमित कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ हो जाएगा।



बदलेगी गोरखपुर की पहचान

अस्सी और नब्बे के दशक में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में होगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है। सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे। कारण, किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।