प्रयागराज के पवित्र भूमि पर अत्यधिक शांति और दिव्यता का हो रहा अनुभवः विवेक ओबेराय

--आध्यात्मिक उन्नति के साथ पूरे समाज और राष्ट्र की चेतना जागृत करने का उपयुक्त अवसर: चिदानन्द सरस्वती

प्रयागराज के पवित्र भूमि पर अत्यधिक शांति और दिव्यता का हो रहा अनुभवः विवेक ओबेराय

महाकुम्भ नगर, 13 फरवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ में स्थित परमार्थ निकेतन शिविर में परिवार के संग गुरूवार को पहुंचे फिल्म अभिनेता विवेक ओबेराय ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर आकर उन्हें अत्यधिक शांति और दिव्यता का अनुभव हो रहा है। एक नई ऊर्जा और शक्ति मिली है, जो उनके जीवन और दृष्टिकोण को और अधिक सकारात्मक बनाएगी।

परमार्थ निकेतन शिविर में देश के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता विवेक ओबेराय का सपरिवार के साथ पहुंचे। जहां उनके परिवार का वेदमंत्रों, पुष्प वर्षा व शंखध्वनि के साथ स्वागत किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के साथ विवेक ओबेराय और पूरे ओबेराय परिवार ने दिव्य भेंटवार्ता की आध्यात्मिक शांति और सकारात्मकता से ओत-प्रोत थी।

इस अवसर पर स्वामीजी और साध्वी भगवती ने ओबेराय परिवार को आशीर्वाद देते हुए कहा कि महाकुम्भ व्यक्तिगत जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के साथ पूरे समाज और राष्ट्र की चेतना जागृत करने का उपयुक्त अवसर है। महाकुम्भ एक ऐसा पवित्र आयोजन है जो व्यक्तिगत जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ पूरे समाज और राष्ट्र की चेतना जागृत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यह एक दिव्य संगम है, जहाँ लाखों लोग अपनी आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक शांति के लिए एकत्र होते हैं।

महाकुम्भ में आस्था और विश्वास की जो लहर उठती है, वह न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल देती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की चेतना को भी जागृत करती है। यहाँ, लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं, सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देते हैं और परस्पर सहयोग की भावना का अहसास करते हैं। इस प्रकार, महाकुम्भ सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का एक प्रेरणास्त्रोत है, जो हमें अपने कर्तव्यों, जिम्मेदारियों और मानवता के मूल्यों की याद दिलाता है।

स्वामीजी ने इस अवसर पर सभी से आह्वान किया कि हम अपने दिलों में भारत की एकता, अखंडता और विविधता को बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे संगम में तीन नदियाँ मिलती हैं, वैसे ही हमें अपने विभिन्न मत, पंथ और संस्कृतियों को मिलाकर एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की नींव रखे। उन्हाेंने इस अवसर पर एक डुबकी राष्ट्र के नाम का संदेश दिया।

साध्वी ने कहा कि महाकुम्भ, आध्यात्मिकता को अपने जीवन में स्थान देने का महत्वपूर्ण अवसर है। इससेे हम न केवल अपनी आत्मा की शांति प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अरैल घाट पर आयोजित गंगा आरती में विवेक ओबेराय, उनकी माता यशोधरा ओबेराय, धर्मपत्नी प्रियंका, बेटे विवान, बेटी अमेया और परिवार के अन्य सदस्यों ने सहभाग किया। स्वामी ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर विवेक ओबेराय और पूरे परिवार का अभिनन्दन किया।