मानसून के पहले ही योगी सरकार ने शुरू की बाढ़ से फसलों के बचाव की तैयारियां

उप्र में फसलों को बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य शुरू

मानसून के पहले ही योगी सरकार ने शुरू की बाढ़ से फसलों के बचाव की तैयारियां

लखनऊ, 14 जून । देश के ''फूड बास्केट'' के तौर पर प्रतिष्ठित उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने फसलों के रखरखाव को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर उसे क्रियान्वित किया है। प्रदेश में फिलहाल हीटवेव का प्रकोप है और जल्द ही मानसून भी प्रदेश में सक्रिय होने जा रहा है। ऐसे में, फसलों के उचित रखरखाव, हीटवेव तथा बाढ़ से बचाव की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मौसमी परिवर्तन के कारण किसानों को किसी प्रतिकूल परिस्थिति का सामना न करना पड़े तथा केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का उन्हें लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाढ़ के लिहाज से प्रदेश के 27 अति संवेदनशील, 13 संवेदनशील तथा 35 सामान्य जिलों में क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप द्वारा दी गई तकनीकी संस्तुतियों के आधार पर एडवाइजरी निर्गत करने के कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हीटवेव का प्रकोप जारी है जिसका असर फसलों पर दिख रहा है। ऐसे में, मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुसार इस मौसमी प्रकोप से प्रदेश की फसलों के रक्षण के लिए पहले ही मुख्य सचिव द्वारा क्षेत्रिय कृषि अधिकारियों को एडवायजरी जारी हो चुकी है। इस एडवायजरी को क्रियान्वित करते हुए फसलों की सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। मौसम आधारित राज्यस्तरीय कृषि परामर्श समूह (क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप) की संस्तुतियों के आधार पर इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें धान नर्सरी में पानी निकासी व नमी को सुनिश्चित करने, मल्चिंग तकनीक का प्रयोग करने, स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग, नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई, जैविक खाद का प्रयोग, कन्टूर ट्रेंच विधि के प्रयोग समेत भूजल एवं वर्षा जल संरक्षण जैसी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।

प्रदेश में जल्द ही मानसून सक्रिय होने जा रहा है, ऐसे में बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली बाढ़ की स्थिति से निपटने और फसलों को इससे बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया जारी है। इस क्रम में क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप द्वारा दी गई तकनीकी संस्तुतियों के आधार पर एडवायजरी निर्गत करने के कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है। बाढ़ के दृष्टिगत प्रदेश के 27 अति संवेदनशील, 13 संवेदनशील तथा 35 सामान्य जिलों के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार जलमग्न क्षेत्रों में धान की स्वर्णा सब-1, सांभा महसूरी सब-1, आईआर-64 सब 1 व एनडीआर-99301111 जैसी फसलों को वरीयता दी जाए। सण्डा विधि का उपयोग तथा धान की रोपाई मध्य जून से जुलाई प्रथम माह में करने जैसी प्रक्रियाएं मुख्य तौर पर क्रियान्वित की जाएं।

फसल बीमा से लाभान्वित करने पर फोकस-

प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ सभी किसानों को मिले इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी की मंशा अनुरूप क्रियान्वित की गई योजना के अनुसार सभी जिलों में फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित करने और किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के जरिए भी किसानों को लाभान्वित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें बीमित खरीफ फसल के तौर पर केला, मिर्च व पान तथा रबी फसल के तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर व आम को वरीयता दी गई है। केले के लिए 30 जून, मिर्च के लिए 31 जुलाई, पान के लिए 30 जून, टमाटर के लिए 30 नवंबर, शिमला मिर्च के लिए 30 नवंबर, हरी मटर के लिए 30 नवंबर और आमजन के लिए फसलवार बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है।