माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास की तलाश में उप्र पुलिस की आठ टीमें
एसटीएफ की दो टीमें और लगीं, परिवार के लोगों का नम्बर सर्विलांस पर
लखनऊ, 27 जुलाई । बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास की तलाश में सोमवार को कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, लेकिन अभी तक वह हाथ नहीं लग पाया है। अब उसकी तलाश में लखनऊ के अलावा आसपास जिलों की पुलिस टीमों को भी लगाया गया है। अगर वह कोर्ट में हाजिर नहीं होता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जा सकता है।
डीसीपी नार्थ कासिम आब्दी ने बताया कि अब्बास अंसारी के खिलाफ महानगर कोतवाली में दर्ज मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने एनबीडल्यू जारी कर रखा था। बुधवार को उसे हर हाल में कोर्ट में पेश किया जाना है। वारंट जारी होने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच अलग-अलग टीमें लगाकर दबिश दी गई, लेकिन सफलता नहीं मिली।
इसी कड़ी में अब्बास की गिरफ्तारी के लिए गाजीपुर, मऊ आजमगढ़ और आसपास के जिलों की पुलिस से मदद मांगी गई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की आठ टीमें लगाई गई है। एसटीएफ की दो टीमें उसकी तलाश में है। उसके कई ठिकानों, मित्रों और परिवार के यहां भी पुलिस पहुंची, लेकिन अभी तक उसका कोई पता नहीं चला है। उसे पकड़ने के लिए सर्विलांस की मदद लेते हुए अब्बास और उसके करीबियों के नम्बर को भी सर्विलांस पर लगा रखा है। अगर अब्बास कोर्ट में नहीं पेश होता है तो उसे भगौड़ा भी घोषित किया जा सकता है।
धोखाधड़ी कर कराया लाइसेंस स्थानांतरित
डीसीपी के मुताबिक, महानगर कोतवाली पुलिस ने 12 अक्टूबर 2019 को एक रिपोर्ट दर्ज की थी। उसने साल 2012 में डीबीवएल गन का लाइसेंस लिया था। खुद को राष्ट्रीय स्तर का शूटर बताते हुए अब्बास ने यह लाइसेंस लिया था और उसे दिल्ली के पते पर स्थानांतरित कर लिया था। आरोप है कि पुलिस को बिना सूचना दिए अब्बास ने लाइसेंस स्थानांतरित कराया और उस पर हथियार भी लिए हैं।