चिकित्सकों का कुशल व्यवहार मरीजों को देता है ताकत : आनन्दीबेन पटेल
केजीएमयू का 17वां दीक्षांत समारोह संपन्न, मेधावियों को प्रदान किये गये मेडल
लखनऊ, 08 जनवरी । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ के 17वें दीक्षांत समारोह में 42 मेधावियों को मेडल प्रदान किया।
राज्यपाल ने चिकित्सकों से कहा कि वे मरीजों का भरोसा जीतें, गरीबों की सेवा करें। डॉक्टर के पास आने वाला मरीज पीड़ा, तनाव और संकट के दौर से गुजर रहा होता है। ऐसे में चिकित्सक का कुशल व्यवहार उसे ताकत देता है। इसलिए चिकित्सक को हमेशा संवेदनशील होना चाहिए। राज्यपाल ने केजीएमयू जॉर्जियन परिवार से अपील की कि वे एक ऐसा पोर्टल बनाएं, जिसमें दुनिया भर में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने वाले जॉर्जियन अपनी राय और तकनीक साझा कर सकें। इससे इलाज की नई तकनीक का प्रसार होगा और लाखों मरीजों को इसका फायदा मिलेगा।
साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर होते हैं। क्योंकि यह उनके वर्तमान कार्यों की समाप्ति और अपने सपनों को आकार देने के लिए एक नये अध्याय की शुरुआत का अवसर होता है। डाक्टरी की पढ़ाई सिर्फ जीविकोपार्जन और व्यक्तिगत उन्नति का आधार ही नहीं बल्कि मानवता की सेवा करना भी होना चाहिए। इसलिए यहां से पदक और उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राएं मानवता की सेवा में लगकर इस चिकित्सा संस्थान का गौरव बढ़ाएं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन को डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की तथा सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों को पठन-पाठन सामग्री भेंट की।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि परहित से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इसलिये आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें तथा अपने आचरण एवं व्यवहार से मरीजों का दिल जीतें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर दीक्षान्त समारोह में विशिष्ट अतिथि एवं माननीय वित्त, चिकित्सा एवं प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस.एन. शंखवार, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।