ट्रिपल आईटी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत अब आत्मनिर्भर : डॉ. डी दत्ता

ट्रिपल आईटी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

प्रयागराज, 15 जून । अब भारत दुनिया में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत अब आत्मनिर्भर है। 75 वर्षों के बाद देश अब वास्तव में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ खास मुकाम हासिल करने की ओर बढ़ रहा है।

यह बातें डॉ. डी. दत्ता, प्रमुख, सीड डिवीजन, डीएसटी ने गुरुवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से ट्रिपल आईटी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम वास्तविक भारतीय युवाओं को अपनी उद्यमिता शुरू करने के लिए सशक्त बनाने का एक शुरुआत है। सभी निचली जातियों को नवीनतम तकनीकों से सशक्त किया जाना चाहिए, ताकि दूर-दराज के गांवों से महानगरों की ओर उनका पलायन रोका जा सके। छोटे-मोटे रोजगार तलाशने के बजाय खुद के स्टार्टअप को शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

प्रोफेसर बद्री नारायण तिवारी, निदेशक, जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी, प्रयागराज ने उत्तर प्रदेश में कई समाप्त हो रही निचली जातियों पर प्रकाश डाला जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लाभ से दूर हैं। ट्रिपल आईटी के निदेशक मुकुल शरद सुतावने ने कहा कि ग्रामीण भारत के उत्थान के लिए विज्ञान को जन जन तक ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस सम्बंध में संस्थान की ओर से सभी तरह के सहयोग देने का वादा किया।

प्रधान अन्वेषक प्रो नीतेश पुरोहित ने कहा कि एसटीआई हब द्वारा 287 पुरुष और 213 महिला उम्मीदवारों (कुल 500) का चयन किया गया। कार्यक्रम में 9 एनजीओ शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ विजय चौरसिया ने किया। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और वाराणसी जिलों में रहने वाले 18-35 वर्ष की आयु के अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लगभग 500 युवाओं को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद द्वारा शुरू किए गए सूचना संचार प्रौद्योगिकी में विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार हब कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित बनाया गया।