मुख्यमंत्री चौहान ने जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि
बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने के लिए पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
भोपाल, 15 नवम्बर । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन कर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निवास के सभागार में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कल सिंह भाबर भी उपस्थित थे।
भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिन को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री चौहान ने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय योद्धाओं के पराक्रम को देश के सामने सही ढंग से रखा जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा सहित अनेक जनजातीय योद्धाओं के आजादी की लड़ाई में योगदान को देश के सामने सही ढंग से रखा जा रहा है। जनजातीय गौरव दिवस का कार्यक्रम जनजातियों के जीवन मूल्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास है। आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से जनजातीय समाज सशक्त हो, इसकी कोशिश है। इन प्रयासों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद।
उल्लेखनीय है कि जन-नायक भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातु गांव में हुआ। वे हमेशा अपने समाज की ब्रिटिश शासकों द्वारा की गई दुर्दशा पर चिंतित रहते थे। अपनी सेवा से भगवान बिरसा मुंडा अपने क्षेत्र में 'धरती आबा' यानी 'धरती पिता' हो गए। राष्ट्रीय आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाकर देशभक्ति की अलख जगाने वाले 'धरती आबा' बिरसा मुंडा को भगवान माना जाने लगा। अक्टूबर 1894 को भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लगान माफी के लिए आंदोलन किया। वर्ष 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेजी सिपाहियों के मध्य युद्ध होते रहे और बिरसा मुंडा के नेतृत्व में मुंडाओं ने अंग्रेजों को नाक में दम कर दिया। मार्च 1900 में चक्रधरपुर में बिरसा मुंडा एक जन-सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी अंतिम सांस 9 जून 1900 को रांची कारागार में ली।