भाई-स्नेह का त्योहर भैयादूज छह को, सारा दिन कर सकते हैं टीका
भाई-स्नेह का त्योहर भैयादूज छह को, सारा दिन कर सकते हैं टीका
भाई-स्नेह का त्योहार भैया दूज 6 नवम्बर को मनाया जायेगा। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। हिन्दी महीने के अनुसार यह त्योहार दीपावली के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का सम्बन्ध मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना से है।
विहित कार्य
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार इस तिथि में यमुना में स्नान, यम पूजन और बहन के घर भाई को भोजन करना करना बताया गया है।
शुभ मुहुर्त
पंडित अनिल कुमार पाण्डेय बताते हैं कि भाई दूज के टीके का शुभ मुर्हूत छह नवम्बर को सारा दिन है। किसी समय यह भाई को टीका लगाया जा सकता है।
पौराणिक आख्यान
यम और यमुना भगवान सूर्य की संतान हैं। दोनों भाई-बहनों में अत्यधिक प्रेम था। परन्तु यमराज यमलोक में इतने व्यस्त थे कि वह अपनी बहन के घर नहीं जा पाते थे। एक दिन यमुना भाई के घर पहुंची, बहन को आया देख कर यम बहुत प्रसन्न हुए। बोले बहन बहुत प्रसन्न हूं, जो वरदान मांगना हो मांग लो। तब यमुना ने कहा, आज के दिन जो मुझमें स्नान करें, उसे यमलोक न जाना पड़े। यम ने कहा, ऐसा ही होगा। उस कार्तिक शुक्ल द्वितीया थी। इसलिए इस तिथि में यमुना स्नान का विशेष महत्व है।