कमर तोड़ महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट

कमर तोड़ महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट

कमर तोड़ महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर देखने को मिल रहा है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया तो अनाज से लेकर फल सब्जी तक के दाम आसमान छूने लगे। किचन का बजट बिगड़ गया है। एक माह में खाद्य सामग्रियों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है, जो लगातार जारी है।

पिछले 15 दिनों में आटा, मैदा, चीनी, रिफाइंड, दाल सहित कई खाद्य सामग्रियों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ने से लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है। दाल की फसल कमजोर होने के कारण दाल की कीमतें भी बढ़ी हैं। घरेलू रसोई गैस की कीमतें छह अक्टूबर, 2021 के बाद बढ़ी हैं। उस समय एक सिलेंडर की कीमत 957 रुपये थी़। वर्तमान में इसकी कीमत बढ़ कर 1007 रुपये हो गयी है़, जबकि पेट्रोल-डीजल की कीमतें 137 दिनों के बाद बढ़ी हैं।

खुदरा बाजार में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। पाम ऑयल 130 से बढ़कर 170 रुपये प्रति लीटर, सोयाबीन तेल 155 से बढ़ कर 180-190 रुपये, सरसों तेल 175 से बढ़कर 180 रुपये और सन फ्लावर तेल 150 से बढ़कर 180 रुपये प्रति लीटर हो गया है। गोल्डेन गेहूं 44 से बढ़कर 48 रुपये प्रति किलो हो गया है।

खाद्य सामग्री के दाम में लगी आग

चीनी 42 से बढ़ कर 44 रुपये, बेसन 90 से बढ़ कर 95 रुपये, जालान चना सत्तू 130 से बढ़ कर 135-140 रुपये प्रति किलो, जालान बेसन 90 से बढ़ कर 95-100 रुपये प्रति किलो हो गया है। अरहर दाल और मूंग दाल 95 से बढ़ कर 100 रुपये, मसूर दाल 90 से बढ़ कर 95 रुपये, चना 65 से बढ़ कर 70 रुपये, चना दाल 75 से बढ़ कर 80 रुपये प्रति किलो हो गया है़।

बताया जाता है कि रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण गेहूं की सप्लाई चेन में में रुकावट आयी है और रिफाइंड तेल की कीमतें बढ़ी हैं। आटा, मैदान, बेसन, सूजी सहित कई सामग्रियों की कीमतें भी बढ़ गयी हैं। बीते मंगलवार से पेट्रोल-डीजल के कीमतों में जो वृद्घि शुरू हुई है, वह बुधवार को भी जारी रही।