चित्रगुप्त पूजा: कायस्थ समाज में इस दिन की बड़ी महत्ता
चित्रगुप्त पूजा: कायस्थ समाज में इस दिन की बड़ी महत्ता
लखनऊ, 05 नवम्बर। दीपावली के बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार चित्रगुप्त यमराज के लेखपाल माने गये हैं। जो मनुष्य के जीवन का लेखा-जोखा रखते हैं। कायस्थ समाज में यह पूजा बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। व्यापारियों में भी इस पूजा की महत्ता है।
कलम-दवात की होती है पूजा
कायस्थ समाज में कलम-दवात की पूजा की पूजा का विशेष महत्व है। कायस्थ परिवार के राकेश लमगोरा बताते हैं कि दीपावली के दिन कलम पूजा में रख दी जाती है। और द्वितीया के दिन उसकी पूजा कर फिर से लिखने का काम शुरू किया जाता है। सबसे एक सफेद कागज पर श्री गणेशायः नमः या राम-राम या अपने ईष्ट को प्रणाम करते हुए लिखते है। यह प्रार्थना भी करते हैं कि मेरे लिखने के काम में कोई त्रुटि न हो। पूजा के बाद ही कलम से कुछ और लिखा जाता है।
व्यापारियों में भी इस तिथि का महत्व है। नये खाते की शुरुआत इसी दिन से होती हे। व्यापारी दीपावली पर बही की पूजा करते हैं और इसी तिथि से ही नये खाते की शुरुआत करते हैं।व्यापारियों के लिए भी इस दिन महत्व है।