सात घोड़ों पर सवार भगवान भास्कर की पूजा करने पंडालों में उमड़ी भीड़

सात घोड़ों पर सवार भगवान भास्कर की पूजा करने पंडालों में उमड़ी भीड़

सात घोड़ों पर सवार भगवान भास्कर की पूजा करने पंडालों में उमड़ी भीड़

सूर्योपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन शाम में अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए हर ओर उल्लास और आस्था का माहौल है। तमाम घरों में प्रसाद बनाए जा रहे हैं, दो दिवसीय सूर्य मेला भी शुरू हो गया है। बेगूसराय जिला में विभिन्न पोखर एवं तालाब के किनारे भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई है। बेगूसराय के उत्तरी छोर पर बसे गढ़पुरा के ऐतिहासिक पंचू सिंह पोखर के समीप मंगलवार की रात खरना के बाद जब भगवान भास्कर के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर दर्शन के लिए खोल दिया गया तो लोगों की भीड़ जुटी हुई हैं।कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए लोग सूर्यदेव की प्रतिमा का दर्शन पूजन के लिए जुटे हुए हैं। सात घोड़ों पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

पूजा समिति के अध्यक्ष लालबाबू महतों एवं सचिव विनोद यादवेन्दु ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर पूजन शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को प्रातः कालीन अर्घ्य देने के बाद प्रतिमा विसर्जित की जाएगी। गढ़पुरा के अलावा भी जिलाभर में विभिन्न जगहों पर एकमात्र जागृत भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित पूजा-अर्चना की जा रही है। इधर, छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की आराधना करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। तैयार किया गया प्रसाद और फल बांस के बने सूप में सज गए हैं। बिहार कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा के छठ गीतों से वातावरण गुंजायमान हो गया है। अर्घ्य देने के लिए अधिकतर लोग अपने-अपने घरों पर अस्थाई तालाब बना कर सजा दिया है। इसके अलावा तमाम नदियों के किनारे भी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की तैयारी हो गई है। बेगूसराय जेल में छठ कर रही मुस्लिम महिला रौनक खातून सहित सभी छठ व्रतियों के लिए अस्थाई तालाब सज कर तैयार हो गए हैं। जेल में छठ कर रहे सभी व्रतियों ने बुधवार की सुबह मिलकर प्रसाद भी तैयार कर लिया, जेल के अंदर का वातावरण भी छठमय हो गया है।