आगरा और प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर बनाने की मिली मंजूरी
करीब 15 हजार करोड़ रुपए का होगा निवेश, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार,
लखनऊ, 01 अगस्त । उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने आगरा और प्रयागराज में दो बड़े औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर अपनी सहमति जता दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) में दो एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमत होते हुए केंद्र सरकार ने आगरा और प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। ऐसे में अब प्रयागराज में सरस्वती हाईटेक सिटी और आगरा में एक्सप्रेस वे के निकट एक ग्रीनफील्ड साइट पर यूपीसीडा इन एकीकृत औद्योगिक क्लस्टर (आईएमसी) को विकसित करेगा। यह आईएमसी 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकृष्ट करेंगे और इनसे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के अनुसार, केंद्र सरकार ने पूर्वी और पश्चिमी यूपी में संतुलित विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन आईएमसी की स्थापना करने सम्बंधी प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी है। आगरा में प्रस्तावित आईएमसी लगभग 1,050 एकड़ में फैला होगा। आगरा किले और ताजमहल से इसकी दूरी लगभग 20 किमी है। जबकि प्रयागराज में सरस्वती हाई टेक सिटी में प्रस्तावित आईएमसी का क्षेत्रफल 1,139 एकड़ है। यह प्रयागराज से 10 किमी की दूरी पर है। इन क्लस्टरों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने इन दोनों आईएमसी की संकल्पना एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं के रूप में की है।
मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यहां के लिए प्रस्तावित बुनियादी ढांचे में सड़क नेटवर्क, जल निकासी, जलापूर्ति, सीवरेज, भूमिगत केबल द्वारा विद्युत आपूर्ति, भूमिगत डक्ट और कमांड सेंटर के साथ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपलब्धता शामिल हैं। नोडल एजेंसी के रूप में यूपीसीडा ने स्मार्ट शहरों में अपनाई गई विश्वस्तरीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार इन आईएमसी को विकसित करने की परिकल्पना की है। इन आईएमसी की स्थापना से प्रयागराज और आगरा में औद्योगिक गतिविधियों के साथ ही आवासीय और कामर्शियल गतिविधियों में इजाफा होना तय माना जा रहा है। इसी सोच के तहत ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) में दो एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे की कुल लम्बाई 1,839 किलोमीटर है। कुल सात राज्यों से गुजरने वाले इस गलियारे का लगभग 57 प्रतिशत भाग उत्तर प्रदेश में पड़ता है। एकेआईसी का लक्ष्य अपने समीप के इर्द-गिर्द सभी सात राज्यों में औद्योगिक क्लस्टरों का विस्तार करना है। योजना के अंतर्गत सभी राज्यों में एक-एक आईएमसी स्थापित किया जाना है। केवल उत्तर प्रदेश में ही दो आईएमसी होंगे।
बताया कि इन आईएमसी का विकास, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, औद्योगिक कॉरिडोर परियोजनाओं के उद्देश्यों के अनुरूप होगा।
माहेश्वरी ने बताया कि अनुमान है कि ये आईएमसी 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकृष्ट करेंगे और इनसे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा। नोडल एजेंसी के रूप में यूपीसीडा इन आईएमसी का विकास करेगी। इनके लिए बनाए जाने वाले विशेष उद्देश्य संगठन (एसपीवी) में भारत सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी होगी और विश्व स्तरीय विकास के अवधारणात्मक निर्धारण के लिए वह अंतरराष्ट्रीय ख्याति के मास्टर प्लानर की नियुक्ति की जाएगी।