पत्नी की गैर इरादतन हत्यारोपी की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर
हाईकोर्ट ने कहा, आरोपी के खिलाफ दर्ज हैं 11 केस
प्रयागराज, 07 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की गैर इरादतन हत्यारोपी का अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जिससे मामले में अग्रिम जमानत देना सही नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्णा पहल ने मोहित उपाध्याय व दो अन्य की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए दिया। याची पर पत्नी की गैर इरादतन हत्या के आरोप में उसके रिश्तेदार (पत्नी का भाई) ने कानपुर नगर के बर्रा थाने में एनसीआर दर्ज कराई थी। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में जांच के आदेश दिए। आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ।
याची ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की। कहा कि अगर वह जिला अदालत में अर्जी दाखिल करेंगे तो वहां उनकी जान को खतरा हो सकता है। क्योंकि, शिकायतकर्ता जिला न्यायालय में अधिवक्ता हैं और अपने जूनियर्स के साथ मिलकर दबाव बनाते हैं। इस वजह से उसने सीधे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है।
याची के अधिवक्ता ने कहा कि एनसीआर में गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया। उसमें सामान्य मारपीट के आरोप में ही शिकायत दर्ज की गई। बाद में दबाव से गैर इरादतन हत्या के आरोप की धारा भी जोड़ दी गई। शिकायत भी तीन दिन बाद दर्ज कराई गई। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। कहा कि याची के खिलाफ 11 आपराधिक मामले हैं। उसे अग्रिम जमानत पर छोड़ा नहीं जा सकता है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।