तिरूपति के प्रसाद में मांस की मिलावट सनातनियों के प्रति अपराध : देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज

यूएसए से वीडियो संदेश जारी कर देवकीनंदन महाराज ने जताया रोष, कहा- कितना चुप रहें !

तिरूपति के प्रसाद में मांस की मिलावट सनातनियों के प्रति अपराध : देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज

मथुरा, 21 सितम्बर । विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मांस युक्त घी की मिलावट की रिपोर्ट सामने आने पर धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने रोष जताया। उन्होने केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए इस कृत्य को करोड़ों सनातनियों की ‘आत्मा के वध’ करने जैसा बताया। उन्होंने सनातनियों से ऐसे मामलों में चुप नहीं रहने की अपील की है।

देवकीनंदन महाराज इस समय कथा प्रवचन के लिये यूएसए में दो माह के प्रवास पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर तिरूपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जिस तरीके की मिलावट की बातें हम लोगों को सुनाई पड़ रही हैं। यह बहुत दुखद है और आत्मा का वध करने जैसा है। आश्चर्य है कि आज भी आजाद देश में किसी प्रदेश की सरकार के संरक्षण में या उसकी देखरेख में कोई भी सनातियों की भावना से इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकता है।

उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है और हम सब ये जानते हैं लेकिन जिस तरीके की खबरें आ रही है वो ठीक नहीं है। अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर हम सब सनातनियों के साथ बहुत बड़ा आघात हो रहा है। इसके पीछे कौन व्यक्ति हैं यह पता कर दण्डित किया जाना चाहिये ।

देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम सब सनातनियों को बार-बार कहा जाता है कि शांति रखें लेकिन कोई जूस में मूत्र मिला रहा है। कहीं भोजन में थूक मिल रहा है। प्रसाद में मिलावट मिल रही है। क्या सनातनियों को इसके बावजूद भी चुप होना चाहिए?

धर्मगुरु ने कहा कि संविधान में हमें देव पूजा पद्धिती का सम्मानित अधिकार दिया है लेकिन क्या संविधान में यह भी अनुमति मिली है कि हमारी पूजा पद्धति पर अधिकार प्रादेशिक सरकार का होगा या उस पर कमेटी बनाकर रखी जाए अथवा उसमें मिलावट होगी अथवा उसमें भी कुछ ऐसी चीज मिला दी जाएंगी जिससे सनातनियों का धर्म बर्बाद हो जाए।