शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,255 करोड़ प्रस्तावित, परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता होगी बेहतर

शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,255 करोड़ प्रस्तावित, परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता होगी बेहतर

शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,255 करोड़ प्रस्तावित, परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता होगी बेहतर

लखनऊ, 22 फरवरी  । उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा बजट खर्च करने का निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में पेश बजट में शिक्षा के समग्र विकास के लिए 20,255 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। यह शिक्षा के पिछले बजट अधिक है और इसमें परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर संसाधनों के लैस करने के साथ निजी स्कूलों के बराबर शिक्षा और शैक्षिक माहौल देने की योगी सरकार की तैयारी है।

वित्त मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु संकल्पबद्ध है। प्रदेश में 2023—24 के बजट में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय/अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है। समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।



सुरेश खन्ना ने बताया कि ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।



केन्द्र सरकार की सहायता से पी.एम. श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रुपये व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र—छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोजे प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।