"रक्षाबंधन विशेष : बहन की तस्वीर"
"रक्षाबंधन विशेष : बहन की तस्वीर"
कौमुदी सी सुन्दर है, मेरी बहन।
अपनत्व की पहचान है, मेरी बहन।
सहचर का रूप है, मेरी बहन।
मेरे निकेत की बुनियाद है, मेरी बहन।
मेरे जीवन में यथार्थ का बोध है, मेरी बहन।
एक अद्वितीय शिक्षक का रूप है, मेरी बहन।
जलधि के विशाल ह्रदय से परिपूरित है, मेरी बहन।
कभी कभी अग्रज का रौब दिखाती, मेरी बहन।
चिरन्तन प्रेम से मुझे अपना बनाती, मेरी बहन।
उत्साह की सौम्य संचारक हैं, मेरी बहन।
तम के अस्तित्व को अवनत बनाती, मेरी बहन।
मैं सदैव तेरे पीछे खड़ी हूँ ,आभास दिलाती मेरी बहन।
जीवन की कटु सच्चाई से मिलाप कराती, मेरी बहन।
मेरे जहन की कठिनाई को त्वरित न्यून बनाती, मेरी बहन।
जीवन में अदम्य साहस की परिचायक है, मेरी बहन।
डॉ. रीना कहती, बड़ी बहन में माँ का रूप चरितार्थ करती, मेरी बहन।
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)