अन्नपूर्णा माता का भव्य स्वागत ,श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद

अन्नपूर्णा माता का भव्य स्वागत ,श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद

अन्नपूर्णा माता का भव्य स्वागत ,श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद

सुलतानपुर 14 नवम्बर/  जिले में अन्नपूर्णा माता के पहुंचने पर रविवार को जगह-जगह श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत कर आशीर्वाद ही प्राप्त किया ।

माता के दर्शन के लिए जिले में जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया । लोगों ने फूलों से शोभायात्रा का स्वागत किया । श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रहीं । जिले के गीता मंदिर कूरेभार , गायत्री मंदिर के सामने गुप्तारगंज, कटका बाजार, दुर्गा मंदिर कस्बा (केएनआई) गोलाघाट, पंचमुखी हनुमान मंदिर डाकखाना चौराहा, मंदिर शाहगंज चौराहा, गणपत सहाय महाविद्यालय पयागीपुर, अहिमाने बाजार सहित कई स्थानों पर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया । इसके बाद शोभा यात्रा प्रतापगढ़ की ओर प्रस्थान कर दी ।


- कैसे हुई अन्नपूर्णा माता की भारत वापसी

यूपी चुनाव से पहले मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा का वापस आना और जल्द ही काशी विश्वनाथ में स्थापित होने के अपने मायने हैं। लगभग सौ साल के बाद माता अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा वापस भारत आई है। यह प्रतिमा बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा में मां अन्नपूर्णा के एक हाथ में खीर की कटोरी और दूसरे हाथ में चम्मच है।


1913 में इस प्रतिमा को चुरा कर कनाडा ले जाया गया था। ऐसी जानकारी है कि 1913 से पहले काशी के एक घाट से चुरा ली गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बाद मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा को वापस लाया जा सका है। पिछले साल श्री मोदी ने मन की बात में इस प्रतिमा को भारत वापस लाने के बारे में जानकारी दी थी।



बीते सौ साल से यह प्रतिमा यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना के मैकेंजी आर्ट गैलरी का हिस्सा थी। यही नहीं, पीएम मोदी दुनिया के अलग-अलग देशों में भारतीय इतिहास और संस्कृति से जुड़ी प्रतिमा, वस्तुओं को वापस लाने में लगे है। इसी कड़ी में मोदी अमेरिका से हजारों साल पुराने 157 कलाकृतियां और मूर्तियों को वापस भारत अपने साथ लाए थे जिसमें ज्यादातर चुरा कर वहां बेची गई थीं।




ब्रिटिश काल में सौ वर्ष पहले काशी से कनाडा गई मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा एक बार फिर काशी में प्रतिष्ठापित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से भारत को वापस मिली प्रतिमा 11 नवंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंप दी गयी, जिसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा के माध्यम से मां अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। अगले दिन (15 नवंबर) देवोत्थान एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे।