सरकार से वार्ता बेनतीजा होने से हड़ताल पर चले गये 108 और 102 के एंबुलेंस चालक
अस्पतालों में चालकों ने खड़ी कर दी इमरजेंसी एंबुलेंस, परेशान हो रहे मरीज व तीमारदार
उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एम्बुलेंस (108 और 102) यूनियन कुछ मांगों को लेकर लखनऊ में तीन दिनों से धरने पर रहे। तीसरे दिन रविवार को सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता हुई पर बेनतीजा रही। इसको लेकर सोमवार को कानपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश के इमरजेंसी एम्बुलेंस चालक एंबुलेंसों को सरकारी अस्पतालों में खड़ा करके हड़ताल पर चले गये। एक साथ एम्बुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों व तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 के चालकों ने रविवार रात से हड़ताल पर चले गए है। चालकों ने वाहनों को अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया है। चालकों ने बताया कि उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति केस सौ रुपये और 102 को प्रति केस 60 रुपये दिए जाएंगे। उनका कहना है कि अगर केस न मिला तो उस दिन उन्हें कुछ नहीं मिलेगा, यह नीति गलत है। चालकों का आरोप है कि उनसे आठ घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी कराई जाती है। उन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिहाड़ी मजदूर की तरह 60 रुपये प्रति केस के हिसाब से भुगतान किया जाता है, वह भी समय से वेतन भी नहीं मिलता है। वहीं एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा हड़ताल की चेतावनी पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण वी हेकाली झिमोमी ने एस्मा के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद चालकों ने हड़ताल कर दी, जिसका सीधा असर मरीजों और तीमारदारों पर पड़ रहा है।