डिजिटल इंडिया 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष : प्रधानमंत्री मोदी

डिजिटल इंडिया 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष : प्रधानमंत्री मोदी

डिजिटल इंडिया 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 1 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल इंडिया की मदद से कोरोना काल में लोगों के बैंक खातों में सीधे वित्तीय सहायता पहुंचाने, शिक्षा को सुचारु रखने और टीकाकरण के लिए डिजिटल समाधान पेश करने सहित तमाम कामों में समय, श्रम और धन की बचत का उल्लेख करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के सामर्थ्य, भारत के संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को डिजिटल इंडिया अभियान के छह साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि इस दौरान देश ने प्रौद्योगिकी को अपनाने में तेजी से प्रगति की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बड़े-बड़े समृद्ध देश लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि नहीं भेज पा रहे थे जबकि डिजिटल इंडिया अभियान की बदौलत भारत हजारों करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये दशक, डिजिटल टेक्नॉलॉजी में भारत की क्षमताओं को, ग्लोबल डिजिटल इकॉनॉमी में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है। इसलिए बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस दशक को 'इंडियाज टेकडे' के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत डेटा पावरहाउस के रूप में जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक है और डेटा सुरक्षा के सभी पहलुओं पर काम चल रहा है। 

उन्होंने इस दौरान डिजिटल इंडिया अभियान के लाभार्थियों से संवाद कर उनके अनुभवों को जाना। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल्पना कीजिए कि यदि आज डिजिटल कनेक्टिविटी नहीं होती तो कोरोना में क्या स्थिति होती। डिजिटल इंडिया मतलब सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। 
मोदी ने कहा, “डिजिटल इंडिया यानि सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। जिटल इंडिया यानि सरकारी तंत्र तक सबकी पहुंच। डिजिटल इंडिया यानि पारदर्शी, भेदभाव रहित व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर चोट। डिजिटल इंडिया यानि समय, श्रम और धन की बचत। डिजिटल इंडिया यानि तेज़ी से लाभ, पूरा लाभ। डिजिटल इंडिया यानि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिम गवर्नेंस।”

प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु ऐप का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में यह बहुत मददगार साबित हुआ है। टीकाकरण के लिए भारत के कोविन ऐप में भी अनेकों देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। वे चाहते हैं कि उनके देश में भी इस योजना का लाभ मिले। मोदी ने कहा कि कोविड काल में हमने अनुभव किया कि डिजिटल इंडिया ने हमारे काम को कितना सरल बना दिया। 
मोदी ने शिक्षा के डिजिटलीकरण को समय की मांग बताते हुए कहा कि कोरोना ने इस प्रक्रिया को और तेज किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारा प्रयास गांव में सस्ती और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है ताकि सस्ते मोबाइल और दूसरे माध्यम उपलब्ध हो जिससे गरीब से गरीब बच्चा भी अच्छी पढ़ाई कर सके।

दिल्ली और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में वन नेशन वन कार्ड लागू नहीं होने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा इसे लागू नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट के दखल के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड से देश के करोड़ों श्रमिकों को फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस हो, बर्थ सर्टिफिकेट हो, बिजली का बिल भरना हो, पानी का बिल भरना हो, इनकम टैक्स रिटर्न भरना हो, इस तरह के अनेक कामों के लिए अब प्रक्रियाएं डिजिटल इंडिया की मदद से बहुत आसान, बहुत तेज हुई है। और गांवों में तो ये सब, अब अपने घर के पास सीएससी सेंटर में भी हो रहा है। डिजिटल इंडिया को केवल गरीबों से जोड़कर देखा जा रहा है जबकि इसने मध्यम वर्ग और युवाओं की भी जिंदगी बदल दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1 लाख 35 करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं। डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन एमएसपी की भावना को भी साकार किया है।