विश्व मत्स्य दिवस : 2025 तक 22 एमएमटी मछली उत्पादन का लक्ष्य
विश्व मत्स्य दिवस : 2025 तक 22 एमएमटी मछली उत्पादन का लक्ष्य
गोरखपुर, 21 नवम्बर। भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड ने रविवार को 'विश्व मत्स्य दिवस' मनाया गया। विकास भवन सभागार में जिला मत्स्य अधिकारी डॉ. रणजीत सिंह की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया। देश में 15 एमएमटी से बढ़ाकर मत्स्य उत्पादन 22 एमएमटी करने का है।
इस दौरान बताया गया कि भारत सरकार द्वारा मत्स्य पालन क्षेत्र में वर्ष 2020-21 के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, देश के भीतरी इलाकों, समुद्री, पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को सम्मानित किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ जिला पुरस्कार देश के भीतरी इलाकों, समुद्री, पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को मिलेगा। इसके अतिरिक्त श्रेष्ठ अर्धसरकारी संगठन, संघ, निगम और बोर्ड को भी पुरस्कृत करने की योजना है।
सरकार के कार्यों की बखान हुई
इस दौरान नीली क्रांति के बारे में चर्चा हुई। आर्थिक क्षेत्र में प्रगति के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में हुए कार्यों की सराहना हुई। मत्स्य पालन क्षेत्र में हुए परिवर्तन में सरकार के योगदानों की बखान हुई। बताया गया कि इसके माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता में सुधार तथा अपशिष्ट में कमी आई है। किसानों की आय बढ़ाने की कल्पना की गई थी, अब वह साकार होने लगी है।
योजनाएं गिनाईं
इस दौरान बताया गया कि मत्स्य क्षेत्र की क्षमता को देखने हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2020 में पांच वर्ष के लिए 20 हजार 50 करोड़ रुपये से अधिक के बजट का प्राविधान हुआ। 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत हुई। पीएमएमएसवाई का लक्ष्य 2024-25 तक मछली उत्पादन को 22 एमएमटी करना है। बता दें अभी यह क्षमता मजह 15 एमएमटी हैै। इस क्षेत्र मेंं लगभग 55 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलेंगे।