गीता प्रेस लगाएगा स्विटजरलैंड की सिलाई मशीन, बढ़ जाएगा 25 प्रतिशत उत्पादन

गीता प्रेस लगाएगा स्विटजरलैंड की सिलाई मशीन, बढ़ जाएगा 25 प्रतिशत उत्पादन

गीता प्रेस लगाएगा स्विटजरलैंड की सिलाई मशीन, बढ़ जाएगा 25 प्रतिशत उत्पादन

गोरखपुर, 14 जून । गीताप्रेस की पुस्तकों की मांग में तेजी आने से गीता प्रेस ने एक नई सिलाई मशीन खरीदने का निर्णय लिया है। जुलाई माह के अंत तक इसके आने की संभावना जताई जा रही है। गीता प्रेस ने इस मशीन का मूल्य लगभग दो करोड़ रुपया भुगतान भी कर दिया है। इस मशीन के काम करने के बाद उत्पादन में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी और ग्राहकों की डिमांड पूरी हो सकेगी।



गीता प्रेस प्रबंधन ने तीन छपाई की मशीनें लगा लीं थीं, लेकिन सिलाई मशीन कम होने से अपेक्षाकृत उत्पादन बढ़ नहीं पा रहा था। अब सिलाई की एक और मूलर मर्टिनी की मशीन स्विटजरलैंड से मंगाई जा रही है। इसकी कीमत लगभग दो करोड़ रुपये है। अब इस मशीन के आने से 25 प्रतिशत उत्पादन तो बढ़ेगा ही, ग्राहकों की बढ़ी डिमांड भी पूरी हो जाएगी।

तीन सौ प्रकार की पुस्तकें अनुपलब्ध

कोरोना के बाद पुस्तकें की मांग बढ़ी तो गीता प्रेस प्रबंधन खुद को असहाय समझने लगा। ग्राहकों की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही थी। सिलाई के अभाव में लगभग डिमांड पूरी नहीं हो रही थी, इससे 300 प्रकार की पुस्तकें अनुपलब्ध हो गई हैं। इसमें गीता, श्रीरामचरितमानस आदि के कई संस्करण भी शामिल रहे। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए इस नई मशीन को मंगाने का निर्णय लिया गया।

पुस्तकों के तैयार होने में लग रहा था समय

गौरतलब है कि प्रेस के पास छपाई की छह वेब व सात सीटफेड मशीनें पहले से हैं। वर्ष 2020 में एक सीटफेड मशीन और मंगा ली गई, जो चार रंगों में छपाई करती है। इस साल दो वेब मशीनें भी आ गई हैं। इनकी वजह से छपाई की क्षमता तो बढ़ गई, लेकिन सिलाई की मशीनें कम होने से पुस्तकें तैयार होने में समय लग रहा था।

पहले से हैं चार सिलाई मशीनें

प्रेस के पास पहले से चार सिलाई मशीनें हैं। अब नई मशीन आ जाने से सिलाई की क्षमता बढ़ जाएगी। एक मिनट में 200 फर्मा (एक फर्मा यानी 32 पेज) सिलने की क्षमता इस मशीन की है। शुरुआत में 160 फर्मा प्रति मिनट सिलाई क्षमता पर इस मशीन को संचालित किया जाएगा। एक मिनट में पांच हजार पृष्ठ की सिलाई हो सकेगी अर्थात एक मिनट में पांच ग्रंथाकार पुस्तकें सिली जा सकेंगी।

बोले प्रबंधक

इस सम्बंध में गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी का कहना है कि पाठकों की मांग पूरा करने के लिए छपाई की मशीनें लगा दी गईं, लेकिन सिलाई की मशीन कम होने से उत्पादन अपेक्षाकृत बढ़ नहीं पा रहा था। इसलिए सिलाई की एक नई मशीन मंगाई जा रही है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में आने की उम्मीद है। इससे 25 प्रतिशत उत्पादन बढ़ जाएगा।