उल्लू ऐप के शो 'हाउस अरेस्ट' पर महिला आयोग की कड़ी नजर, अश्लीलता के आरोपों की जांच शुरू
अश्लीलता फैलाने पर घिरा उल्लू ऐप, महिला आयोग ने जताई सख्ती

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग उल्लू एप के शो 'हाउस अरेस्ट' में अश्लील सामग्री प्रसारित किए जाने के मामले को लेकर अत्यंत गंभीर और सख्त रुख अपना रहा है। आयोग इस मामले को एक चुनौती के रूप में ले रहा है और यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है कि महिलाओं के सम्मान और मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आयोग की उपाध्यक्ष, अपर्णा यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि आयोग इस मामले की गहराई तक जाकर निष्पक्ष जांच करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों, चाहे वे शो के निर्माता हों, कलाकार हों या एप के संचालन से जुड़े कोई भी व्यक्ति, के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे लोगों को कानून के दायरे में लाकर दंडित किया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अपर्णा यादव ने महिलाओं के प्रति अभद्र भाषा और अश्लील टिप्पणियों के मामलों पर आयोग की पूर्व की सक्रियता का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे आयोग ने पहले भी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की है। उन्होंने यूट्यूबर इलाहाबादी द्वारा महिलाओं के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों के मामले का उल्लेख किया, जिसमें आयोग ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई की और परिणामस्वरूप यूट्यूबर के शो को बंद करवा दिया गया। यह उदाहरण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आयोग महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की अभद्रता या अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य महिला आयोग महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव कदम उठाने के लिए तत्पर है। आयोग महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिले।
हाथरस में एक प्रोफेसर द्वारा बच्चियों के साथ किए गए उत्पीड़न और दरिंदगी के मामले में आयोग द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई का हवाला देते हुए अपर्णा यादव ने बताया कि महिलाओं के उत्पीड़न और अश्लीलता से संबंधित मामलों पर आयोग का रवैया हमेशा स्पष्ट, कठोर और त्वरित रहा है। आयोग ऐसे मामलों को संज्ञान में लेते ही बिना किसी देरी के कार्रवाई करता है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है कि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिले और दोषियों को उनके अपराधों की सजा मिले।
उल्लू एप के शो 'हाउस अरेस्ट' के संबंध में उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में अश्लीलता या महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पाई जाती है, तो आयोग की ओर से न केवल शो के निर्माताओं और कलाकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि एप के खिलाफ भी उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि एप के संचालन में शामिल लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी सामग्री का प्रसारण रोका जा सके। उन्होंने उन दर्शकों द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया है जिन्होंने शो में अश्लीलता को बढ़ावा देने और आपत्तिजनक सामग्री दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आयोग जनता को यह विश्वास दिलाना चाहता है कि वह महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि उल्लू ऐप का शो 'हाउस अरेस्ट' अपने हालिया एपिसोड में अश्लील सामग्री के प्रदर्शन के आरोपों के कारण विवादों के घेरे में आ गया है। सोशल मीडिया पर कई दर्शकों ने शो पर अश्लीलता को बढ़ावा देने और आपत्तिजनक सामग्री दिखाने का आरोप लगाया है, जिसके बाद राज्य महिला आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और तत्परता से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। आयोग की इस सक्रियता से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह मामला महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। आयोग का यह कदम अन्य लोगों के लिए भी एक सबक होगा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की अभद्रता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।