उप्र सरकार 12 बस टर्मिनल कम कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण का मार्ग सुनिश्चित करेगी
उप्र सरकार 12 बस टर्मिनल कम कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण का मार्ग सुनिश्चित करेगी
लखनऊ, 11 जून । उत्तर प्रदेश को प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर रखने की दिशा में कार्यरत उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में नई शक्ति के साथ लंबित परियोजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा अनुरूप प्रदेश में परिवहन सेवाओं को और उन्नत व जनसुलभ बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) कार्ययोजनाओं को क्रियान्वित करना शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि यूपीएसआरटीसी द्वारा 12 बस टर्मिनल्स के निर्माण, नवीनीकरण तथा उन्हें कमर्शियल कॉम्पलेक्स के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे आगरा, गोरखपुर, मीरजापुर, बुलंदशहर, गढ़ मुक्तेश्वर, मथुरा, कानपुर सेंट्रल व वाराणसी कैण्ट समेत कई नए टर्मिनल्स के निर्माण तथा पुराने बस अड्डों के मेकओवर को गति मिलेगी। इतना ही नहीं, सीएम योगी की मंशा अनुसार 5000 इलेक्ट्रिक बसों को यूपीएसआरटीसी के बेड़े में शामिल किए जाने के कार्य को भी गति प्रदान की जा रही है। इन सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए निविदा प्रक्रिया मार्च में ही जारी कर दी गई थी, मगर लोकसभा चुनावों के कारण निविदा प्रक्रिया लंबित हो गई थी जिसे अब दोबारा 14 जून से शुरू कर दिया जाएगा।
मथुरा में पुराने बस अड्डे का होगा नवीनीकरण
नागरिक सुविधाओं में इजाफा को लक्षित कर राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप यूपीएसआरटीसी ने 12 बस टर्मिनल कम कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण व मेकओवर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, आगरा के ईदगाह व ट्रांसपोर्ट नगर, गाजियााबाद के साहिबाबाद, गोरखपुर, मीरजापुर, बुलंदशहर, बरेली, गढ़ मुक्तेश्वर, अलीगढ़ के रसूलाबाद, वाराणसी कैण्ट, कानपुर सेंट्रल में 12 बस टर्मिनल कम कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण तथा मथुरा में पुराने बस अड्डे के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन सभी स्थानों पर नागरिक सुविधाओं के विकास के साथ ही इन्हें कमर्शियल स्पेसेस में कन्वर्ट कर इनके जरिए रेवेन्यू जेनरेशन के मॉडल पर भी फोकस किया जा रहा है। इससे न केवल यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा बल्कि यूपीएसआरटीसी की आय बढ़ने में भी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि यह सभी कार्य उस विस्तृत कार्ययोजना का हिस्सा हैं जिसे सीएम योगी के मार्गदर्शन में निर्मित किया गया था और अब उनकी मंशा अनुरूप ही इस दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।
आधुनिक इलेक्ट्रिक बसों को भी बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू
यूपीएसआरटीसी द्वारा वर्तमान में 5000 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति, संचालन और रखरखाव की प्रक्रिया को लेकर निविदा प्रक्रिया एक बार फिर शुरू की गई है। 14 जून से ये प्रक्रिया शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि आधुनिक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सार्वजनिक परिवहन में क्रांति लाने की निगम की योजना के पहले चरण को चिह्नित करती है। राज्य के परिवहन नेटवर्क को विस्तारित करने की दीर्घकालिक रणनीति के तौर पर 50,000 बसों के बेड़े को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जो कि आगामी वर्षों में पूरा हो जाएगा।