कुंडा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, राजा भैया को भाजपा और सपा से मिल रही कड़ी चुनौती

कुंडा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, राजा भैया को भाजपा और सपा से मिल रही कड़ी चुनौती

कुंडा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, राजा भैया को भाजपा और सपा से मिल रही कड़ी चुनौती

प्रतापगढ़, 16 फरवरी । प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1993 से ही रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातार निर्दलीय चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। इस बार राजा भैया अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं। पहली बार ऐसा होगा जब राजा भैया को इस क्षेत्र में भाजपा और सपा से कड़ी चुनौती मिल रही है।

भाजपा की उम्मीदवार सिंधुजा मिश्रा इस चुनाव में अपना दमखम दिखा रही हैं। वहीं, राजा भैया के करीबी माने जाने वाले गुलशन यादव सपा के टिकट पर उनके खिलाफ चुनावी अखाड़े में ताल ठोंक रहे हैं। राजा भैया को भाजपा उम्मीदवार सिंधुजा मिश्रा से कड़ी चुनौती मिल रही है। सिंधुजा के पति शिव प्रकाश मिश्रा को राजा भैया पहले के दो चुनावों में पराजित कर चुके हैं। सिंधुजा मिश्रा के अलावा सपा के प्रत्याशी और सीओ जियाउल हक हत्याकांड के मुख्य आरोपित गुलशन यादव ने भी इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। बसपा से मो. फहीम उर्फ पप्पू भाई भी इस मुकाबले में खुद को मजबूत दावेदार साबित करने में जुटे हैं।





सिंधुजा मिश्रा मूलरूप से आजमगढ़ की रहने वाली हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमए, बीएड और एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाली सिंधुजा हाइ कोर्ट में अधिवक्ता भी हैं। सिंधुजा की शादी प्रतापगढ़ शहर में ही हुई है। उनके पति का नाम शिव प्रकाश मिश्रा है। सिंधुजा कोई पहली बार चुनावी मैदान में नहीं हैं। इससे पहले उन्होंने साल 2009 में बसपा के समर्थन से को-ऑपरेटिव बैंक का चुनाव लड़ा था और राजा भैया के करीबी को चुनाव में हराया था। साल 2012 एवं 2014 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सिंधुजा मिश्रा अपने पति शिव प्रकाश के साथ भाजपा में शामिल हो गईं थी। शिव प्रकाश राजा भैया के खिलाफ 2004 और 2012 में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब तीसरी बार खुद सिंधुजा मिश्रा राजा भैया के खिलाफ चुनावी समर में हैं। राजा भैया की चुनावी यात्रा साल 1993 से शुरू हुई थी। 1993 में वे पहली बार कुंडा सीट से निर्दल जीते थे। इसके बाद 1996, 2002, 2007, 2012, 2017 में वे लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं।

कुंडा विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख 56 हजार 93 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 1,91,397 और महिला मतदाता 1, 65,134 हैं। थर्ड जेंडर 162 हैं। कुंडा सीट पर अनुसूचित जाति के 75 हजार और मुस्लिम वर्ग के 55 हजार मतदाता हैं। वहीं, यादव मतदाता 50 हजार, ब्राह्मण मतदाता 40 हजार, क्षत्रिय मतदाता 20 हजार, वैश्य मतदाता 15 हजार और अन्य पिछड़ी जातियों के मतदाता 15 हजार हैं।