पहल: पर्यटकों को एक जगह पर मिलेंगे बनारसी खान-पान, पहनावा और पूजन सामग्री

दशाश्वमेध में ख़ाली जग़ह पर बन रहा व्यवसायिक भवन, युवाओं को मिलेगा रोजग़ार

पहल: पर्यटकों को एक जगह पर मिलेंगे बनारसी खान-पान, पहनावा और पूजन सामग्री

वाराणसी, 29 जुलाई । उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर अब वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के समीप दशकों से खाली पड़ी जमीन पर मल्टीस्टोरी व्यवसायिक केंद्र बनाने की तैयारी चल रही है। ये स्थान पर्यटन के नजरिये से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट जाने का रास्ता भी है। ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर मल्टीस्टोरी व्यवसायिक काम्प्लेक्स बनने से जहां युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। वहीं पर्यटकों को भी एक ही स्थान पर बनारसी खान-पान, पहनावा, पूजन सामग्री और अन्य सामान सब एक ही छत के नीचे मिलेगा।

वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन के अनुसार दशाश्वमेध घाट पुनर्विकास परियोजना में विस्थापित दुकानदारों को भी इस काम्प्लेक्स में समायोजित किया जाना है। यहां तीन मंजिले काम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। निचले तल पर 68, प्रथम उपरी मंजिल पर 42 फ़ूड कोर्ट के लिए आरक्षित होगा। बेसमेंट का पुनर्विकास करते हुए 72 दुकानों के प्रावधान के साथ अन्य प्रयोजन के लिए स्थल आरक्षित किया गया है।

उन्होंने बताया कि यहां तीन मंजिला काम्प्लेक्स बन रहा है। जिससे करीब 200 लोगों को दुकान और सैकड़ों लोगों को रोज़गार मिलेगा। बताते चलें दशश्वमेध घाट की सीढ़ियां उतरने के ठीक पहले दशकों से बेक़ार पड़ी अर्धनिर्मित भवन को तीन मंजिला काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। इसमें पर्यटकों को पूड़ी कचौड़ी, जलेबी, ठंडाई, लस्सी, मलइयो और बनारसी पान सब एक ही जगह मिलेगी।

इसके अलावा बनारसी साड़ी, हैंडीक्राफ्ट, ग़ुलाबी मीनाकारी, जरदोज़ी से निर्मित सामान सब मिलेगा। इस व्यवसायिक भवन में सीढ़ियों के साथ-साथ बुज़ुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए लिफ्ट और अनय सुविधाएं भी रहेगी। साथ ही भूतल पर पर्यटकों को आराम से बैठने के लिए स्टोन फ़्लोरिंग एवं पाथवे भी बनाया जाएगा। भवन में हरियाली का भी ध्यान रखा गया है।


विभागीय अधिकारियों के अनुसार पूरे व्यावसायिक भवन का निर्माण 3082.04 वर्गमीटर में हो रहा है। लोअर ग्राउंड फ्लोर 991.14 वर्गमीटऱ,अपर ग्राउण्ड फ्लोर 922.96 वर्गमीटर, प्रथम तल 922.96 वर्गमीटर क्षेत्रफ़ल में है। इस परियोजना की कुल लागत रू0 28.54 करोड़ अनुमानित है। परियोजना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के वित्त पोषण के अन्तर्गत कराया जा रहा है। वीडीए के अफसरों के अनुसार वर्तमान में लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस साल के अंत तक इसे पूरा बना देना है।