दुनिया को राह दिखाने का काम नई पीढ़ी के पास : अरविन्द पाण्डेय

दुनिया को राह दिखाने का काम नई पीढ़ी के पास : अरविन्द पाण्डेय

दुनिया को राह दिखाने का काम नई पीढ़ी के पास : अरविन्द पाण्डेय

प्रयागराज, 21 सितम्बर । आज हमारे देश की युवा पीढ़ी युवा देश के रूप में जानी जाती है। कल प्राचीन देश होगा। पूरी दुनिया में विनाश और सृजन का कार्य चलता रहेगा। दुनिया को राह दिखाने का काम हमारी नई पीढ़ी यानी एक यूथ के पास होगा। हमारे देश के नौजवानों की तरह दुनिया में किसी देश के पास ऐसे नौजवान नहीं होंगे।

उक्त विचार मुख्य वक्ता अरविन्द कुमार पाण्डेय ने ‘‘भारतीय युवा पीढ़ी की चिंतन प्रक्रिया और चुनौतियाँ’’ विषय पर व्यक्त किया। ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में आई.सी.पी.आर द्वारा प्रायोजित दर्शन शास्त्र विभाग में उन्होंने वक्तव्य देते हुए कहा कि आज हर व्यक्ति की सबसे बड़ी समस्या रोजगार बन गई है। हम सोचते हैं इसलिए हम मनुष्य हैं। जब हम सोचते हैं तो दो बातें हमारे बीच होती है। पहला हम अतीत के बारे में दूसरा वर्तमान के बारे में सोचते हैं। उन्होंने कहा कि जब आपके चिंतन की प्रक्रिया तेज हो जाती है तो हम मनुष्य नहीं मशीन हो जाते हैं। आज का युग वैज्ञानिक युग है। हम प्राचीनता से नवीनता की ओर बढ़ रहे हैं। अगर हम वैज्ञानिक युग में न होते तो इतनी यात्राएं न करते।







डॉ अरविन्द कुमार पाण्डेय ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक मधुमेह के मरीज भारत में मिलेंगे। यह ज्यादा सोचने या चिंतन करने से भी होता है। आज प्रकृति के साथ हमारा संघर्ष है। अगली पीढ़ी के अनुसार आपको बदलने की जरूरत है। किसी भी वैचारिक ढांचे में ढलने से पूर्व अपने को बचाना चाहिए। अपनी परम्पराओं को वैज्ञानिक युग की कसौटी पर कसिये। यह हमारा महत्वपूर्ण कदम होगा। अगर आप कृषि की ओर लौटना चाहते हैं तो लौटिये। अपनी पीढ़ी को जगाने का कार्य करिये।







डॉ मनोज कुमार दूबे ने बताया कि इस आयोजन में स्वागत वक्तव्य दर्शनशास्त्र विभाग की संयोजिका डॉ अमिता पाण्डेय एवं संचालन डॉ शिखा श्रीवास्तव ने किया। आयोजन में कॉलेज परिवार के प्राध्यापकगणों में डॉ महेन्द्र प्रसाद, डॉ अमरजीत राम, डॉ रश्मि जैन एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।