अभी एक सप्ताह तक चढ़ा रहेगा पारा, आम के बौर का भुनगा रोग से करें बचाव

कृषि विशेषज्ञ की सलाह, थ्रिप्स रोग का बढ़ता है प्रकोप, दवा का करते रहें छिड़काव

अभी एक सप्ताह तक चढ़ा रहेगा पारा, आम के बौर का भुनगा रोग से करें बचाव

लखनऊ, 06 अप्रैल । अभी एक सप्ताह तक मौसम में कोई बदलाव होने वाला नहीं है। पछुवा हवा के कारण दिन की तपिश बनी रहेगी। मौसम विभाग उप्र के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार अभी तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक बने रहने का अनुमान है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने चेताया है कि इस मौसम में किसानों को विशेष सजग रहने की जरूरत है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में फसलों में किसी भी दवा का छिड़काव शाम के समय करना ही उपयुक्त होगा। खड़ी गेहूं की फसल को हल्की सिंचाई शाम के समय ही करनी चाहिए। हवा में सिंचाई करने पर फसल गिरने का डर बना रहता है। वहीं जायद की फसलों की बुवाई के समय मिट्टी में पर्याप्त नमी आवश्यक है।

इस संबंध में एक्सीलेंस सेंटर बस्ती के प्रभारी अधिकारी अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि इस समय आम के बौर मे भुनगा या मिज या लस्सी कीट के प्रकोप होने की आशंका होती है। इसके रोकथाम के लिए नीम ऑइल तीन मिलीलीटर प्रति लीटर पानी मे या फिर इमिडाक्लोप्रिड 50 ईसी तीन मिलीलीटर दवा एक लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करें। गुजिया (मिली बग) कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इसके जैविक नियंत्रण के लिए वेरटीसीलियम लेकनी 50 ग्राम दवा प्रति 10 लीटर पानी या फिर रासायनिक नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 200 एसएल 10 मिलीलीटर दवा प्रति 10 लीटर पानी मे घोलकर 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि इस समय फसलों मे थिरिप्स कीट के प्रकोप की आशंका होती है। इसके रोकथाम के लिए फॉसफहमिडों 85 ई. सी (0.6 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या मेथिल-ओ-डिमिटान 25 ई. सी (एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) मे स्टिकर के साथ घोलकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर तीन से चार बार छिड़काव करें।



उन्होंने अनाज भंडारण के सम्बंध में बताया कि अनाज को अच्छी तरह से साफ कर लें और इसे नमी की मात्रा के संस्तुति स्तर तक सुखा लें। गोदामों की अच्छी तरह से सफाई करके दीवारों की दरारें साफ और मरम्मत कर लें और दिवारों की सफेदी का कार्य करना चाहिए। 0.5% मैलाथियान घोल का छिड़काव करें और चेंबर को 7-8 दिनों के लिए बंद रखें। बोरियों को धूप में सुखाना चाहिए, जिससे अंडे और कीड़े और साथ ही रोगों के इनोकुलम नष्ट हो जाएं। शुष्क मौसम की स्थिति के पूर्वानुमान के अनुसार सभी सब्जियों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए।



उन्होंने कहा कि भिंडी की फसल में घुन (माईट्स) के हमले के खिलाफ लगातार निगरानी करने की सलाह दी जाती है। प्रकोप दिखाई देने पर एथियोन 1.5-2 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे। प्रचलित उच्च तापमान के कारण, कम अंतराल पर हल्की सिंचाई करें। बैगन और टमाटर की फसलों में तना और फल छेदक को नियंत्रित करने के लिए कीट ग्रसित फलों और टहनियों को एकत्र करके मिट्टी के अंदर दबा देना चाहिए।