मार्च माह में बढ़ी सूरज की तपिश से अप्रैल में पड़ रही जून जैसी गर्मी

मार्च माह में बढ़ी सूरज की तपिश से अप्रैल में पड़ रही जून जैसी गर्मी

मार्च माह में बढ़ी सूरज की तपिश से अप्रैल में पड़ रही जून जैसी गर्मी

मौसम का मिजाज इन दिनों बराबर बदल रहा है और रोजाना गर्मी बढ़ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक इस तरह की गर्मी इसलिए पड़ रही है कि मार्च माह में सूरज की तपिश बढ़ी थी जिससे अप्रैल माह में जून जैसी गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि अभी आगामी दिनों में भी तापमान में उतार चढ़ाव बना रहेगा।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एस एन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा है जो सामान्य से 4.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम 64 प्रतिशत और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता न्यूनतम 19 प्रतिशत रही। हवा की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 4.1 किमी प्रति घंटा रही।


बताया कि भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आसमान साफ रहने के साथ तापमान में एक या दो डिग्री के उत्तार चढ़ाव के आसार हैं तथा बारिश की कोई संभावना नहीं है। अतः किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी की लहर बचाव के लिए सुबह 11 बजे से शाम 04 बजे के बीच खेतों पर कोई कार्य न करें तथा फसलों में हल्की सिंचाई 10 -12 दिन के अन्तराल पर सायं काल के समय करें। पशुओं को सुबह 11 बजे से शाम 04 बजे तक चरने लिए बाहर न छोड़े। पशुओं को सुबह-शाम नहलायें। रबी की परिपक्व फसलों की कटाई एवं मडाई के कार्य के लिए मौसम अनुकूल है।

उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में बने लू के हालात

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश में मार्च महीने से ही सूरज की तपिश बढ़ गई थी। वहीं अब अप्रैल महीने में मई जून जैसी भीषण गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग की माने तो अभी मौसम में किसी तरह के बदलाव के आसार नहीं है। वहीं उत्तर से आ रही गर्म हवाओं के चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में लू के हालात बने हुए हैं।