हाईकोर्ट ने मथुरा के धौरेरा जंगल में 50 से अधिक क्षत-विक्षत गोवंश मामले में सरकार से मांगी जानकारी 

हाईकोर्ट ने मथुरा के धौरेरा जंगल में 50 से अधिक क्षत-विक्षत गोवंश मामले में सरकार से मांगी जानकारी 

हाईकोर्ट ने मथुरा के धौरेरा जंगल में 50 से अधिक क्षत-विक्षत गोवंश मामले में सरकार से मांगी जानकारी 

-याचिका में की गई है एसआईटी जांच की मांग

प्रयागराज, 13 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन मार्ग पर पीएमवी पॉलिटेक्निक के सामने धौरेरा के जंगल में 50 से अधिक मृत एवं क्षत-विक्षत हालत में पड़े मिले गौवंशों के लिए शासन-प्रशासन द्वारा उचित कार्यवाही न किए जाने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सरकार के वकील से जानकारी तलब की है।

यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने दिया है। अधिवक्ता प्रह्लाद कृष्ण शुक्ल की जनहित याचिका में 50 से भी अधिक गौवंशों के मृत पड़े मिलने की एसआईटी जांच की मांग की गई है। साथ ही मथुरा-वृंदावन में संचालित गौशालाओं-गौवंश शेल्टर होम की उचित निगरानी एवं इस मामले में संलिप्त दोषी अधिकारियों एवं गौशालाओं पर कार्यवाही एवं दंडित करने की मांग भी की गई है।

याची अधिवक्ता का कहना है कि 50 से अधिक गोवंश का क्षत-विक्षत हालत में मिलना विशेष जांच का विषय है। ऐसी घटनाओं से करोड़ों कृष्ण भक्तों एवं गो प्रेमियों की आस्था को ठेस पहुंचती है। आरोप है कि जिला प्रशासन एवं मथुरा-वृंदावन में संचालित गौशालाएं ठीक से काम नहीं कर रही हैं। उन्होंने जनहित याचिका में पूरे प्रकरण में विरोध दर्ज कराने वाले गौ सेवकों पर जिला प्रशासन द्वारा अत्याचार का आरोप भी लगाया है।