स्वामी रामदेव और हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने भी की जांच की मांग

स्वामी रामभद्राचार्य ने नरेन्द्र गिरि के निधन को बताया अपूरणीय क्षति

स्वामी रामदेव और हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने भी की जांच की मांग

लखनऊ, 20 सितम्बर। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर संत समाज समेत संपूर्ण सनातनियों में शोक की लहर है। योग ऋषि बाबा रामदेव अयोध्या, हनुमान गढ़ी अयोध्या के पुजारी राजू दास समेत अन्य संतों ने शोक व्यक्त करने के साथ ही जांच की मांग उठाई है। वहीं स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने उनके असमय जाने की घटना को अपूरणीय क्षति बताया है।

स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि नरेंद्र गिरी जी महाराज से हमारा बहुत अच्छा संबंध था। वह मुझ पर प्रेम के साथ-साथ श्रद्धा भी करते थे। अखाड़ा परिषद के महंत बने, अध्यक्ष बने तब मुझसे मिलने आए। कई बार मैंने उन्हें बुलाया। उन्होंने भी मुझे कई बार बुलाया। हम लोग जब मिलते थे तो शैव और वैष्णव के संबंध में चर्चा करते थे। वह हमारे बीच भौतिक रूप से यहां नहीं हैं। इससे मुझे बहुत कष्ट हुआ है।

अयोध्या हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी महाराज के निधन की सूचना बेहद कष्टदाई है। यह बहुत ही दुखद है। उनका असमय जाना सनातन धर्म संस्कृति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। साधु समाज के लिए अपार दुख का समय है। हम सबके लिए यह बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि नरेंद्र गिरी जी हमेशा सनातन धर्म की सुरक्षा और सभी वर्गों के लिए तत्पर रहने के लिए काम करते थे। उनकी संदिग्ध मौत बेहद दुखद है। राजू दास ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मांग करता हूं कि यह मौत नहीं हत्या है। इसकी जांच हो। जांच ऐसी हो जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

योग ऋषि स्वामी रामदेव ने ट्वीट करके शोक जताया है। उन्होंने कहा की पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज की रहस्यमय मौत से सनातन संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई है। वह कभी हार ना मानने वाले एक वीर पराक्रमी योद्धा सन्यासी थे। इस पूरे घटनाक्रम की प्रामाणिक और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।