शिया समुदाय ने मनाया ईद-ए-ज़हरा, काले कपड़ों की जगह लिबास बदला, कई जगहों पर सजी महफिल

शिया समुदाय ने मनाया ईद-ए-ज़हरा, काले कपड़ों की जगह लिबास बदला, कई जगहों पर सजी महफिल

शिया समुदाय ने मनाया ईद-ए-ज़हरा, काले कपड़ों की जगह लिबास बदला, कई जगहों पर सजी महफिल

वाराणसी, 07 अक्टूबर। कर्बला के 72 शहीदों के गम में पूरे दो महीने आठ दिन तक शोक मनाने के बाद धर्म नगरी काशी में गुरुवार को शिया समुदाय ने ईद-ए-जहरा का त्योहार मनाया। समुदाय के पुरुषों ने जहां काले कपड़ों की जगह सामान्य लिबास पहना तो वहीं महिलाओं ने सवा दो महीने बाद सुहाग की निशानी पहन श्रृंगार किया। शिया बहुल इलाकों में पूरे दिन जश्न का सिलसिला चलता रहा। घरों में महिलाओं ने तरह-तरह के पकवान बनाये और एक दूसरे के घर जाकर ईद.ए.जहरा की मुबारकबाद दी और मिठाइयां बाटीं। दरगाह ए फातमान में हाजी फरमान हैदर ने महफिल में बताया कि दुनिया के सभी मुसलमान मुहम्मद साहब और उनके परिवार वालों की खुशी में ख़ुशी और ग़म में ग़म मनाते है। आज 9 रबी उल अव्वल को मुख्तार के सकाफी ने इमाम हुसैन के कातिलों का सर इमाम सज्जाद को भेजा था अपने पिता और परिवार वालों के कातिलों का सर् देख कर इमाम मुस्कुराये थे। इसी दिन को ईद ए ज़हरा के रूप में मनाया जाता है । महफ़िल में डॉ रिज़वी और हाजी फरमान का अजादारों ने स्वागत पुष्पगुच्छ से किया । इस अवसर पर हैदर मौलाई ने कलाम पेश किए । इसी क्रम में रामनगर, बजरडीहा, पठानी टोला, अर्दली बाजार दालमंडी, काली महल, पितरकुण्डा में भी ईद ए ज़हरा की महफ़िल हुई। बताते चले,मोहर्रम का चांद दिखते ही शिया समुदाय के लोगों ने काले वस्त्र धारण कर लिए थे। इस दौरान किसी ने न तो खुशी मनाई और न ही खुशी के किसी कार्यक्रम में शरीक हुए।