शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पुण्यतिथि पर याद किये गये

शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पुण्यतिथि पर याद किये गये

शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पुण्यतिथि पर याद किये गये

वाराणसी, 21 अगस्त। शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 15वीं पुण्यतिथि शनिवार को परिजनों और प्रशंसकों ने मनाई। दरगाहे फातमान में जुटे परिजनों, प्रशंसकों के साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय, महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी मजार पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कुरआन की आयतें पढ़ी गईं, दुआख्वानी भी हुई।

उस्ताद के पोते नासिर व आफाक हैदर, बेटी जरीना बेगम, अजरा बेगम, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फाउंडेशन के प्रवक्ता शकील अहमद जादूगर आदि ने उस्ताद की कब्र पर अकीदत के फूल चढ़ाये। दुआख्वानी कर फातिहा पढ़ी। कब्र पर फूल चढ़ाने के बाद खिराजे अकीदत पेश किया। इस दौरान प्रशंसकों ने कहा कि उस्ताद में बनारसीपन कूट-कूट कर भरा था। इतने महान कलाकार होते हुए भी जिस सादगी का जीवन उन्होंने व्यतीत किया था, वह हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। धर्म नगरी काशी ने पूरे भारत वर्ष को एक से एक महान व्यक्तित्व, संगीतज्ञ, खिलाड़ी, साहित्यकार दिये। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां द्वारा संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

बताते चलें कि, 21 अगस्त 2006 को लम्बी बीमारी के बाद जब उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का इन्तकाल हुआ था। तब देश के तत्कालीन राष्ट्रपति अब मरहूम एपीजे अब्दुल कलाम की मौजूदगी में उन्हें 21 तोपों की सलामी के बाद दरगाह-ए-फातमान में सुपूर्दे-खाक किया गया था।