प्रयागराज: एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइन सिटी मामले का एक लाख का इनामी घोटालेबाज

एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइन सिटी मामले का एक लाख का इनामी घोटालेबाज

प्रयागराज: एसटीएफ के हत्थे चढ़ा साइन सिटी मामले का एक लाख का इनामी घोटालेबाज

प्रयागराज, 02 नवम्बर। साइन सिटी कम्पनी के नाम से आम जनता को धोखा देकर करोड़ों रुपये लूटने वाले गिरोह के एक लाख इनामी सदस्य को एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई ने मंगलवार दोपहर सिविल लाइंस से गिफ्तार किया। टीम ने गिरफ्तार किये गए आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, पैनकार्ड, साइनिंग स्टार कम्पनी का एक पैनकार्ड, डीएल, दो एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, डेविट कार्ड, दो ब्लैंक चेक और 1012 रुपये बरामद किया।
गिरफ्तार किया गया आरोपित नैनी कोतवाली क्षेत्र के शाहजी का पूरा चक इमाम अली निवासी मोहम्मद जसीम खान नसीम है। योगी सरकार की अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चलाए जा रहे जीरो टारलेंस नीति के तहत मंगलवार जनता को धोखा देकर लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी, मध्य प्रदेश, राजस्थान से करोड़ों रुपये लूटने वाले गिरोह पर कड़ी कार्रवाई तेजी से की जा रही है। पूरे प्रकरण में गिरोह के घोटलेबाजों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ पूरे प्रदेश में सक्रिय है। लखनऊ एसटीएफ ने सोमवार को इसी गिरोह के पांच लाख के इनामी अपराधी को गिरफ्तार करके जेल भेजा दिया।

एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार ने बताया कि आरोपित मोहम्मद जसीम ने बताया कि वह वर्ष 2014 में साइन सिटी कम्पनी जावेद इकबाल के माध्यम से एशोसिएट के पद पर ज्वाइन किया जो कम्पनी में वाइस प्रेसीडेन्ट तक रहा। जिसके मुख्य मालिक प्रयागराज राशिद नसीम व आसिफ नसीम , तथा जावेद इकबाल थे। सिटी कम्पनी में मेरी भी एक टीम थी, जिसमें मेरे सीनियर जावेद इकबाल, शाश्वत मौर्य व राजेश मौर्य निवासीगण प्रयागराज थे।

झांसा देकर करोड़ों का घोटाला

गिरोह में सक्रिय लोगों ने दोगूने धन की लालच देकर करोड़ों का घोटाला किया है। इन्वेंसमेन्ट, आरओ. लगाना, ज्वैलरी काम, विशेन हाट डील के माध्यम से 50 प्रतिशत मूल्य एडवान्स लेकर लोगों को वाहन देने के नाम धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये लोगों ने लूटा। इसी तरह कम्पनी में काफी संख्या में लोग काम कर रहे थे। साइन सिटी कम्पनी के अधिकृत प्रापर्टी शमशाद अंसारी के नाम दर्ज है। लखनऊ के संदीप पाण्डेय, वाराणसी के अमिताभ श्रीवास्तव आदि लोग काम करते थे।


पकड़े आरोपित को सिविल लाइन थाने में दाखिल करके विधिक कार्रवाई की जा रही है। आगे कार्रवाई लखनऊ टीम द्वारा की जाएगी।