बमरौली-मनौरी स्टेशनो के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली से रेल परिचालन आरंभ

प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर अब नहीं होगा रेलगाड़ियों का विलम्बन

बमरौली-मनौरी स्टेशनो के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली से रेल परिचालन आरंभ

उत्तर मध्य रेलवे लगातार यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं को लेकर लगातार कार्यों में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में प्रयागराज मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा सिग्नलिंग प्रणाली में लगातार आधुनिकीकरण किया जा रहा है। यात्री ट्रेन लगातार दौड़ती रहे। उसे सिर्फ इसीलिए किसी स्टेशन पर नहीं रुकना पड़े कि आगे गई ट्रेन अभी अगले स्टेशन को पार नहीं की है, इसके लिए प्रयागराज मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग ने प्रयागराज-कानपुर खंड के बमरौली - मनौरी स्टेशनों के बीच 08.49 किमी लम्बे खंड पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली कमीशन किया गया है। ये जानकारी उत्तर मध्य रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी अमित सिंह ने बुधवार को दी।

जनसम्पर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि सिग्नलिंग उपकरणों के आधुनिकीकरण सिग्नल विभाग की प्राथमिकता रही है। विभाग द्वारा बमरौली - मनौरी खंड के तीनों रिले हट में हिटाची की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लगाया गया है। पावर सप्लाई के निर्बाध आपूर्ति के लिए इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम लगाया गया है।सिग्नलिंग उपकरणों की विफलता की स्थिति में विफलता के कारणों का पता लगाने में अधिक समय न लगे तथा मानव श्रम की भी बचत हो, इसके लिए सिग्नलिंग उपकरणों के डाटा को एनालिसिस करने के लिए डेटालॉगर स्थापित किया गया है।

उनका कहना है कि इस कार्य के साथ बमरौली - मनौरी खंड के समपार फाटक संख्या 5 (सी) को ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली के साथ इंटरलॉक करके समपार फाटक पर सड़क यातायात को और अधिक सुरक्षित बनाया गया है। इसके मैकेनिकल फाटक के स्थान पर अब विद्युत संचालित फाटक लगाया गया है। ऑटो सिग्नलिंग कार्य के पूरा होने के साथ ही बमरौली - मनौरी खंड के बीच स्थित ब्लॉक हट - सी से सिग्नलिंग उपकरणों का सञ्चालन बंद हो गया है। इसके बंद होने से मंडल के लाखों रुपये की प्रति वर्ष बचत होगी।

साथ ही ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली के उपलब्ध हो जाने से इस खंड की ट्रेन-परिचालन क्षमता बढ़ गई है। इसका सबसे अधिक लाभ यात्रिओं को होगा क्योंकि यात्री ट्रेन लगातार समय से आगे बढ़ती रहेंगी। हालांकि इस कार्य से माल ढुलाई में गति आने के साथ-साथ रेवेन्यू में भी वृद्धि होना अपेक्षित है।

प्रयागराज स्टेशन मंडल के व्यस्ततम स्टेशनो में से एक है। डी सी ट्रैक सर्किट के फेल हो जाने पर इस स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों का विलम्बन को हर हाल में रोकने के लिए सिग्नल विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से प्रयागराज स्टेशन के पूर्वी स्टेशन यार्ड में डी सी ट्रैक सर्किट के साथ एमएसडीएसी एक्सल काउंटर लगाया है। साथ ही, प्लेटफॉर्म संख्या 1,2 व 5 के ट्रैक पर ड्यूल एक्सल काउंटर लगाया गया है। पश्चिमी एवं मध्य यार्ड में एक्सल काउंटर लगाने का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है।


इस कार्य से अब इस यार्ड में मानसून के दौरान जल जमाव से होने वाले ट्रैक सर्किट के विफलताओं पर विराम लग जायेगा। पहले, बारिश के दौरान स्टेशन का यार्ड पानी से भर जाने से डीसी ट्रैक सर्किट विफल हो जाता था। इससे इस स्टेशन से होकर चलने वाली ट्रेनों का समय पालन बहुत बुरी तरह प्रभावित होता था।

बारिश के मौसम में जल भराव के कारण डीसी ट्रैक फेल होने पर भी ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं होगा। शरारती तत्वों द्वारा मौजूदा ट्रैक सर्किट को फेल करने की घटना भी सामने आती रहती थी, जिससे रेल परिचालन पर भी प्रभाव पड़ता था । अब ऐसी घटनाओं के कारण होने वाली सिग्नल विफलताओं पर विराम लग गया है।

इस व्यवस्था को स्थापित करने के लिए स्टेशन यार्ड के सभी डीसी ट्रैक सर्किट के साथ ड्यूल एमएसडीएसी एक्सल काउंटर के 20 ट्रैक सेक्शन कमीशन किया गया है। जो ऑटो रीसेट प्रणाली से लैस है I हेड क़्वार्टर के निर्देशों का अनुपालन करते हुए ‘डीसीटीसी ट्रैक सर्किट के फेल होने पर उसके कंट्रोलिंग सिग्नल का स्वतः पीला होना’ भी सुनिश्चित किया गया है। पहले ऐसी स्थिति में स्टेशन मास्टर द्वारा मेमो देकर रेल परिचालन का कार्य किया जाता था।

जब तक कि सिग्नल व पी.वे.विभागों द्वारा ऑल ओके का मेमो स्टेशन मास्टर को नहीं सौपा जाता था। इससे उस दिशा की ओर चलने वाली रेलगाड़ियों का समय पालन बुरी तरह प्रभावित होता था। नए तकनीक के प्रति सिग्नल विभाग के कर्मचारियों को अधिक सशक्त बनाने हेतु प्रयागराज मंडल के सिग्नल विभाग के कर्मचारिओं को उक्त नयी तकनीक के मेंटेनेंस एवं विभिन्न प्रकार के विफलता को ठीक करने हेतु सक्षम बनाया गया है।