प्रमुख सचिव होमगार्ड उप्र को तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश

हवलदार अनुदेशकों को हेड कांस्टेबल के समान वेतनमान देने का मामला

प्रमुख सचिव होमगार्ड उप्र को तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश

प्रयागराज, 14 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव होमगार्ड उप्र लखनऊ को प्रशिक्षण केंद्रों में तैनात हवलदार अनुदेशकों को तीन माह के भीतर हेड कांस्टेबल का वेतनमान व सेवा लाभ देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।



कोर्ट ने कहा है कि समान वेतनमान देने की कमेटी ने दो बार संस्तुति की है। अनिश्चितकाल तक ढिलाई बरतने की अनुमति नहीं दी जा सकती। शिकायत का निराकरण किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने अंजन कुमार भगत व 118 अन्य हवलदार अनुदेशकों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।



याचिका में कहा गया था कि याचीगण होमगार्ड विभाग में हवलदार अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। 31 मार्च 77 के शासनादेश से राज्य सरकार ने कहा है कि हेड कांस्टेबल वह हवलदार अनुदेशक पद समान है। अब बिना प्रभावित पक्ष को सुने सरकार अपना निर्णय वापस नहीं ले सकती। 9 दिसम्बर 17 को 5 सदस्यीय कमेटी ने याचियों के पक्ष में समान वेतनमान देने की संस्तुति की है। सरकार द्वारा निर्णय न लेने से याचियों को आर्थिक नुकसान के साथ सेवा परिलाभों से वंचित किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव होमगार्ड को निर्णय लेने का निर्देश दिया है।