कुम्भ मेला में प्रभावती इलेक्ट्रिक वर्क्स की टेंडर अर्जी निरस्त करने के खिलाफ याचिका खारिज

कुम्भ मेला में प्रभावती इलेक्ट्रिक वर्क्स की टेंडर अर्जी निरस्त करने के खिलाफ याचिका खारिज

कुम्भ मेला में प्रभावती इलेक्ट्रिक वर्क्स की टेंडर अर्जी निरस्त करने के खिलाफ याचिका खारिज

प्रयागराज, 22 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुम्भ मेला प्रयागराज 2025 में विद्युत कार्य के लिए प्रभावती इलेक्ट्रॉनिक वर्क्स की अर्जी निरस्त करने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट ने कहा है कि सुरक्षा व संरक्षा के लिए ठेकेदार को ए श्रेणी प्रमाणपत्र के सरकारी अनुमोदन की शर्तें तय है। केवल अनुमोदित ए श्रेणी वाले ठेकेदारों को ही कुम्भ में इलेक्ट्रिक कार्य का ई-ठेका के लिए आवेदन के योग्य माना गया है। इसलिए अनुमोदित ए श्रेणी के ठेकेदार ही टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। कोर्ट सरकार के तकनीकी निर्णय पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। क्योंकि निर्धारित पैरामीटर तय है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस क्यू एच रिजवी की खंडपीठ ने प्रभावती इलेक्ट्रिक वर्क्स की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि ई-टेंडर के लिए ए श्रेणी के ठेकेदार को आमंत्रित किया गया। याची को डायरेक्टर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी उप्र लखनऊ ने ए श्रेणी प्रमाणपत्र जारी किया है। इसलिए उसकी अर्जी निरस्त करना मनमाना है। कोर्ट ने डायरेक्टर को नोटिस जारी की और प्राधिकरण सहित सभी विपक्षियों से जवाब मांगा।

बताया गया कि 11 मई 67 की अधिसूचना के अनुसार ए व बी श्रेणी इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर जारी करता है। रेग्यूलेशन 29 के अंतर्गत डायरेक्टर को ए श्रेणी का लाइसेंस जारी करने का अधिकार है। जिसका सरकार से अनुमोदन किया जाता है। कोर्ट ने कहा क्या दोनों ए श्रेणी प्रमाणपत्र एक समान है या भिन्नता है।

8 अप्रैल 22 के आदेश का हवाला दिया गया। जिसमें सही काम करने वाले ठेकेदारों को अनुमोदित ए श्रेणी प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था दी गई है। इसकी शर्तें निर्धारित है। याची ने अनुमोदित ए श्रेणी प्रमाणपत्र नहीं लिया है, इसलिए वह टेंडर आवेदन का अधिकारी नहीं है।

कोर्ट ने कहा दोनों ए श्रेणी समान है किन्तु अनुमोदित ए श्रेणी भिन्न है। इसके पैरामीटर तय है। कुम्भ मेला कार्य के लिए केवल ए अनुमोदित श्रेणी ठेकेदार से ही आवेदन मांगे गए थे। इसलिए याची की अर्जी निरस्त करने के आदेश पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।