नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद आलोक राव को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़े
पैतृक गांव में पार्थिव शरीर के पहुंचने पर युवाओं ने निकाली तिरंगा यात्रा
चंदौली/ वाराणसी,18 मई (हि.स.)। मणिपुर में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए असम राइफल्स के जवान आलोक राव का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर गुरूवार को उनके पैतृक गांव शहाबगंज रसिया गांव पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर थलसेना के असम राइफल्स के जवानों की टुकड़ी जैसे ही गांव में पहुंची भारत माता की जय,वंदेमातरम,आलोक राव अमर रहे का गगनभेदी नारा युवाओं ने लगाया। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के गांवों के लोग भी उमड़ पड़े। युवाओं ने शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा भी निकाली। इस दौरान गर्व से बेटे की शहादत को नमन कर बिलखते हुए परिजन भी श्रद्धांजलि देते रहे। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पैतृक आवास पर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल, चकिया विधायक कैलाश आचार्य, चंदौली जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे, एएसपी सुखराम भारती, भाजपा जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह भी मौजूद रहे।
इसके पहले वाराणसी एयरपोर्ट से शहीद का पार्थिव शरीर लेकर सैन्य टुकड़ी पहले चकिया सोनहूल स्थित सीआरपीफ ग्रुप सेंटर पहुंची। यहां शहीद को पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद असम राइफल्स के जवान शव लेकर पैतृक गांव रसिया पहुंचे। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी ।
गौरतलब हो कि चंदौली के शहाबगंज रसिया गांव निवासी आलोक कुमार राव देश सेवा की भावना से ओत—प्रोत वर्ष 2021 में असम राइफल में भर्ती हुए थे। वर्तमान में आलोक की तैनाती मणिपुर में थी। पिछले दिनों नक्सली मुठभेड़ के दौरान आलोक राव घायल हो गए थे। कोलकाता के कमांड अस्पताल में आलोक का उपचार चल रहा था, 17 मई को आलोक ने दम तोड़ दिया। आलोक के शहीद होने की जानकारी जैसे ही गांव में पहुंची परिजन बिलखने लगे। गांव के लोग जवान के अदम्य साहस की चर्चा कर परिजनों को ढ़ाढ़स बढ़ाने घर पहुंचते रहे। शहीद आलोक राव के पिता विजय कुमार राव पीएससी बल में प्रयागराज में तैनात हैं। विजय कुमार के चार बेटे-बेटियों में सबसे छोटे आलोक कुमार राव थे। परिजनों के अनुसार आलोक की अभी शादी नहीं हुई थी। आलोक इस वर्ष फरवरी माह में घर आए थे। 20 फरवरी को ड्यूटी के लिए मणिपुर रवाना हुए थे।