ईश्वर से अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा हमारी मातृ भाषा: योगी आदित्यनाथ

ईश्वर से अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा हमारी मातृ भाषा: योगी आदित्यनाथ

ईश्वर से अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा हमारी मातृ भाषा: योगी आदित्यनाथ

वाराणसी,13 नवम्बर । ईश्वर से अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा हमारी मातृ भाषा होती है। मनुष्य सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ कृति है। तुलसीदास ने रामचरित मानस को रचा जो शिव की प्रेरणा से अवधी भाषा में लिखा गया। अवधी में रचित रामचरित मानस पिछले सैकड़ों वर्षों से रामलीला के माध्यम से जन सामान्य को मिला है। आज हर घर में रामचरित मानस रखा मिलेगा। ये उद्गार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हैं।

शनिवार को मुख्यमंत्री बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल के ऑडिटोरियम सभागार में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी का पहला सम्मेलन राजधानी के बाहर होने में 75 वर्ष हो गए। गोस्वामी तुलसीदास यदि अवधी में रामायण न लिखे होते तो आज वह लुप्त हो गया होता। मुख्यमंत्री ने अपनी माॅरिशस यात्रा का उल्लेख कर बताया कि माॅरिशस के गांव में गए तो देखा कि उनके घरों में रामचरित मानस मौजूद है। वे आज भी उसकी पूजा करते हैं। वे पढ़ नहीं सकते लेकिन श्रवण कर उन्हें आज भी याद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी का बड़ा काल खंड काशी से जुड़ा है, किन्तु हिंदी बराबर उपेक्षित रही। आजादी की लड़ाई भी महात्मा गांधी ने हिंदी में ही लड़ी। पूरे देश को जोड़ने वाली राजभाषा हिंदी का सम्मेलन उत्तर प्रदेश विशेष कर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होने पर उन्होंने आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात वर्ष पूर्व आमजन के अंदर आत्म़ विश्वास़ की कमी थी। विगत 7 वर्षों में भारत की बदलती तस्वीर, एक नए भारत को, इस श्रेष्ठ भारत के रूप में बदलते हुए देशवासियों ने देखा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी के लिए कई पुरस्कार दिया जाता है। इससे पूर्व गृहमंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन वाराणसी के स्मारिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे, गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधानसभा के उप सभापति हृदय नारायण दीक्षित, उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह सहित सांसदगण, सचिव राजभाषा, संयुक्त सचिव राजभाषा, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की उपस्थिति रही।