लक्ष्मणपुरी के गोमती तट पर गाय के गोबर से बने एक लाख दीये हुए प्रज्जवलित
झूलेलाल वाटिका पर एक सप्ताह से चल रहा विकास दीपोत्सव बुधवार को हुआ सम्पन्न
लखनऊ, 03 नवम्बर । लखनपुरी के गोमती तट पर जब एक साथ गोबर के एक लाख दीये जगमगाए तो लगा आकाश के तारे धरा पर आकर टिमटिमाने लगे हों। तट पर बड़ा ही मनोहारी दृश्य उभर रहा था। लोग इस दृश्य को अपनी आंखों में बसा लेना चाहते थे।
दीपों की जगमगाहट का यह दृश्य शहर के झूलेलाल वाटिका गोमती तट पर चल रहे विकास दीपोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को दीपों के प्रज्जवलन से उभरा। यहां एक लाख गाय के गोबर से बने दीये शाम को प्रदोष काल में प्रज्जलित किए गए। इसी के साथ ही 28 अक्टूबर से चल रहा विकास दीपोत्सव बुधवार को सम्पन्न हो गया। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री गोपाल जी टंडन ने उत्सव के समापन की घोषण की।
दीपोत्सव की जगमगाहट से प्रस्तुत हुए इस मन को हरने वाले इस दृश्य को लोग निहारते रहे। गोमती का घाट जगमगा रहा था। आदिगंगा गोमती के जल में प्रज्जवलित दीपों की आभा वातावरण को और भी खूबसूरत बना रही थी। लोग अपने मोबाइल कैमरे से इस दृश्य को उतार रहे थे। सैकड़ों लोग इस दृश्य को देख रहे थे। इस खुशी के पल को अपने हृदय में बसाकर लोगों ने वहां से विदा ली।
अंतिम दिन लोग दीपोत्सव का पूरा आनंद उठा लेना चाहते थे। लोगों ने दीपावली के अवसर पर अपनी मन पसंद की वस्तुओं की खरीदारी भी की। दुकानदारों ने बहुत मोल-तोल करने पर भाव कम किया। बच्चों ने वहां लगे झूले का मजा उठाया।
अपने बच्चों के साथ उत्सव घूमने गई उमा श्रीवास्तव ने बताया कि नदी के किनारे प्रज्जवलित दीपों का यह दृश्य बहुत ही कम देखने को मिलता है। बच्चों को यह भी देखने मजा आया। वहीं शालिनी ने भी बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। गोबर के दीयों का प्रज्जवलित होना मन को बहुत अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि यहां बहुत अच्छा लगा। इसके अलावा पूरा मेला भी देखा।